
लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा में रिक्त होने वाली विभिन्न राज्यों की 59 सीटों पर चुनाव होना है। लेकिन, इससे उच्च सदन में भाजपा की ताकत पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। राज्यसभा में भाजपा के अभी 93 सांसद हैं। चुनावों के बाद संख्या इसी के आसपास बनी रहेगी या एक-दो की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई प्रमुख नेताओं के रिटायर होने के बाद इनको दोबारा राज्यसभा में लाए जाने या लोकसभा चुनाव में उतारने का दोनों विकल्प पार्टी ने खुले रखे हैं।
राज्यसभा के दिल्ली के तीनों सांसद इसी माह रिटायर हो रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के आंकड़े में आम आदमी पार्टी को ही इस बार भी तीनों सीटें मिलेंगी। फरवरी में सिक्किम की एक सीट रिक्त हो रही है। वह राज्य के सत्तारूढ़ दल के पास ही जाएगी। इसके बाद अप्रैल में 55 सीटें रिक्त होंगी। झारखंड की दो सीटें मई में रिक्त होंगी। इनमें भाजपा के कुल 28 सांसदों को कार्यकाल पूरा हो रहा है। जो प्रमुख नेता अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, उनमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, राजीव चंद्रशेखर, वी मुरलीधरन, नारायण राणे, मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रूपाला, धर्मेंद्र प्रधान, एल मुरुगन, अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी शामिल हैं।