
Rajjat Yatra Uttarakhand मां नंदा को उनकी ससुराल भेजने की यात्रा है राजजात। मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी माना जाता है और कैलास (हिमालय) भगवान शिव का निवास।मान्यता है कि एक बार नंदा अपने मायके आई थीं। लेकिन किन्हीं कारणों से वह 12 वर्ष तक ससुराल नहीं जा सकीं। बाद में उन्हें आदर-सत्कार के साथ ससुराल भेजा गया।चमोली जिले में पट्टी चांदपुर और श्रीगुरु क्षेत्र को मां नंदा का मायका और बधाण क्षेत्र (नंदाक क्षेत्र) को उनकी ससुराल माना जाता है।एशिया की सबसे लंबी पैदल यात्रा और गढ़वाल-कुमाऊं की सांस्कृतिक विरासत श्रीनंदा राजजात अपने में कई रहस्य और रोमांच को संजोए है।
विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारी को खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कई बैठक कर चुके हैं. बैठक के दौरान अधिकारियों को यात्रा मार्गों की समय से मरम्मत, सुरक्षा रेलिंग की स्थापना, सभी प्रमुख पड़ावों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस और टेलीमेडिसिन सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.राजजात समिति के अभिलेखों के अनुसार हिमालयी महाकुंभ श्रीनंदा देवी राजजात वर्ष 1843, 1863, 1886, 1905, 1925, 1951, 1968, 1987 तथा 2000 में आयोजित हो चुकी है। वर्ष 1951 में मौसम खराब होने के कारण राजजात पूरी नहीं हो पाई थी। जबकि वर्ष 1962 में मनौती के छह वर्ष बाद वर्ष 1968 में राजजात हुई।
खास होगी 2026 की राजजात यात्रा Rajjat Yatra Uttarakhand
सीएम धामी ने बैठक के दौरान कहा कि यात्रा के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को यात्रा से जोड़ा जाएगा. साथ ही पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को प्रोत्साहन भी दिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग, आपसी समन्वय के साथ एक व्यापक कार्य योजना तैयार करें. साथ ही साल 2025 के अंत तक यात्रा से संबंधित सभी तैयारियों को धरातल पर पूरा करें. ताकि, साल 2026 की ये यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और ऐतिहासिक बन सके.
वहीं, सीएम धामी ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड का एक महाकुंभ जैसा उत्सव है. यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण यात्रा है. जिसको लेकर पहले ही तीन बैठकें की जा चुकी हैं. साथ ही नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को चौथी बैठक की गई है. बैठक में नंदा देवी राजजात यात्रा की योजना तैयार की गई है. ताकि, कैसे अवस्थापन सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए? कैसे मार्गों को ठीक किया जाए और बेहतर ढंग से यात्रा का संचालन कैसे हो?
सीएम ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर जनप्रतिनिधियों, स्टेक होल्डर्स समेत तमाम लोगों से बातचीत की गई थी. ऐसे में उनके सुझावों पर काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं बहुत सारी योजनाएं हैं, जो आगे चलकर पूरी होगी. उसके संबंध में इन सभी के सुझाव मिल गए हैं. जिस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा. सीएम धामी ने कहा कि यात्रा बहुत ही भव्य, अच्छी और ऐतिहासिक होगी, जिस दिशा में काम किया जा रहा है.