Sahitya Gaurav Samman कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान, देहरादून की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ बुद्धिजीवियों, विद्वानों एवं साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है। उन्होंने कहा कि हमें राजभाषा के साथ ही स्थानीय बोली-भाषाओं के प्रचार प्रसार पर कार्य करना होगा।
सम्मान धनराशि को एक लाख से बढ़कर रू0 1,51,000 Sahitya Gaurav Samman
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यकारों के लिए लाईफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्यटन से जोड़ते हुए प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकारों के ग्रामों को साहित्य ग्राम के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, जिससे साहित्य लेखन से जुड़े देशी विदेशी पर्यटकों को इसका लाभ मिल सके। इन आदर्श ग्रामों को स्थानीय स्तर पर गठित समिति के माध्यम से संचालित किया जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड की स्थानीय भाषाओं में महाकाव्यात्मक लोकगाथाओं आदि का संकलन एवं शोध पर कार्य करने के लिए एक समिति बनाए जाने के भी निर्देश दिए।
साहित्य गौरव सम्मान के अन्तर्गत बाल साहित्य को भी जोड़ा जाए
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान के अन्तर्गत बाल साहित्य को भी जोड़ा जाए। कहा कि शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा एससीईआरटी से समन्वय बनाते हुए स्थानीय बोली भाषाओं में कहानी, लघुकथा एवं नाटक आदि को छोटे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल कराया जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान के अन्तर्गत ऐसे वरिष्ठ साहित्यकारों जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, के लिए सम्मान धनराशि को एक लाख से बढ़ाकर रू0 1,51,000 (एक लाख इक्यावन हजार) किए जाने की बात कही। नवोदित को 50 हजार एवं सामान्य को 1 लाख का सम्मान दिया जाएगा। इससे पूर्व नवोदित को 50 हजार और बाकी सभी को एक लाख का पुरस्कार दिया जाता था। कैबिनेट मंत्री ने नवोदित साहित्यकारों को पुस्तक प्रकाशन में भी सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश दिए।