live in Uttarakhand जिस वक़्त उत्तराखंड में यूसीसी में लिव इन को लेकर नियम कायदे बनाने की तैयारी की जा रही है ऐसे में एक केस ने सबको हैरान कर दिया है। मीडिया में आयी एक रिपोर्ट की माने तो बेटे की चाहत में एक व्यक्ति ने पहले दो शादियां की और जब उसकी हसरत पूरी नहीं हुई तो उसने दो लिव इन रिलेशन बनाए, लेकिन किसी से भी बेटा न होने पर वह आप से बाहर हो गया और सनक की हद पार करने लगा जिसके बाद पीड़ित महिलाओं ने अब महिला आयोग में राहत की गुहार लगाई है।
दो बीवी दो लिव इन रिलेशन और हसरत की इन्तेहाँ live in Uttarakhand
विदेश में होटल खोलकर मोटा मुनाफ़ा कमा कर रईस बनने के बाद एक शख्स को बेटे की ऎसी चाहत लगी कि वो सभी हदें पार करता चला गया क्योंकि उसे वारिस के तौर पर बेटा पैदा करना था। इसके लिए वो किसी भी हद तक जाने को पगला चुका था तभी उसने मर्यादा और सामाजिक प्रतिष्ठा को दरकिनार करते हुए पहले दो शादियां की और दो लिव इन रिलेशन बनाये लेकिन फिर भी बेटा पैदा करने की हसरत पूरी न हो सकी। एक लिव इन पार्टनर ने जब उसकी चौथी बेटी को जन्म दिया तो उस शख्स ने उससे भी दूरी बना ली। आरोप है कि अब वीडियो कॉल करके कभी छत से कूदने की धमकी देता है तो कभी हाथ की नस काटकर आत्महत्या करने के लिए डराता है।
इन हालात में लिव इन पार्टनर ने राज्य महिला आयोग में गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उन्हें उसके सिरफिरे पार्टनर की प्रताड़ना से छुटकारा दिलाया जाए। उन्हें गुजारा भत्ता और संपत्ति में अधिकार दिलाया जाए।अब वह उसकी पहली तलाकशुदा पत्नी और उनकी दो बेटियों के साथ रहती है। उन्हें देहरादून के अच्छे इलाके में बंगला-गाड़ी दी हुई है, लेकिन समय बीतने के साथ उन्हें बुरी तरह मानसिक प्रताड़ना दे रहा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि पहली पत्नी को तलाक देने के बाद उसके पार्टनर ने दूसरी शादी की थी, जो उसके साथ विदेश में है, लेकिन उससे भी बेटी है।
बेटे की चाहत में वह तीसरी महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहा था, जिसका कोई अता-पता नहीं है। फिर उन्हें चौथी पार्टनर बनाया, लेकिन उनसे भी बेटी होने पर दूरी बना ली। महिला आयोग ने इस शिकायत पर सुनवाई के चलते व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग से उस शख्स की काउंसलिंग की। उसे समझाया कि उसे अपनी पार्टनर और बच्ची के कानूनी अधिकार उनको देने होंगे। सुनवाई के दौरान आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान, विधि अधिकारी दयाराम भी मौजूद थे। सुनवाई के लिए अगली तारीख लगाई गई है।
वहीँ इस हैरान कर देने वाले केस पर कुसुम कंडवाल अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि आयोग मामले को देख रहा है। यूसीसी लागू होने पर लिव इन रिलेशन में रहने वालों के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगा। इसके बाद यदि लिव इन में रहने वाली महिला प्रताड़ित होती हैं तो उनके लिए कानून के सहारे अपना अधिकार प्राप्त करना आसान होगा। लेकिन जिस तरह से इस बेहद चौंकाने वाले केस ने हकीकत बयान की है वो रिश्तों और लिव इन की कड़वी हकीकत को साफ़ उजागर कर रहा है।