

ब्यूरो रिपोर्ट, 12 मार्च: Garuda Purana: आपने देखा होगा कि जब भी कोई इंसान मर जाता है तो मृत शरीर के नाक-कान में रूई डाल दी जाती है. अस्पताल से बाहर निकलते शवों को आपने देखा होगा. क्या धार्मिक वजहों से ऐसा किया जाता है, या फिर इसके पीछे कोई साइंस है? ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कोरा पर यही सवाल पूछा गया. कई यूजर्स ने अपनी जानकारी के हिसाब से जवाब दिए, लेकिन अजब गजब नॉलेज सीरीज के तहत आइए जानते हैं, इसके पीछे की हकीकत.
Garuda Purana: शव के साथ जुड़ी है अनोखी मान्यताएं
जब मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत हुई थी, तो उनकी एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. तस्वीर में उन्हें साड़ी पहने और शृंगार किए हुए देखा जा सकता था. लेकिन उनकी नाक और कान में भी रूई लगी हुई थी. तब ये सवाल उठा था कि आखिर ऐसा क्यों होता है? तो बता दें कि इसके पीछे साइंस है. एक यूजर ने लिखा, मरे हुए इंसान के नाक और कान में रूई डालने का कारण यह होता है कि मरने के बाद भी नाक से हवा पेट में जा रही होती है. लाश को हिलाने या उठाने के क्रम में, ऐसे में पेट में हवा चली जाती है. इसके कारण पेट फूल जाता है. परिणामस्वरूप लाश विकृत और भारी भी हो जाती है. यहां तक कि कभी कभी पेट फटने का भी डर हो जाता है.
Garuda Purana: क्या कहता है साइंस
ये तो हुई एक बात, लेकिन साइंस इसके पीछे कुछ और ही है. वैज्ञानिक मान्यताओं के मुताबिक, मृतक शरीर के अंदर कोई कीटाणु न जा सके इसलिए नाक और कान को रूई से बंद कर दिया जाता है. इसके अलावा मृत शरीर के नाक से एक द्रव निकलता है जिसे रोकने के लिए रुई का इस्तेमाल किया जाता है. यदि मृतक को कोई बीमारी हो तो मरने के बाद पेट से हवा भी निकलती है, जिससे कि बैक्टीरिया बाहर आने के कारण वहां पर गमगीन लोगों को भी बीमारी के अंश लग सकते हैं. इसलिए नाक में रुई डाल दिया जाता है ताकि यह संक्रमण न फैले.
धार्मिक कारण भी जान लीजिए
इसके पीछे धार्मिक कारण भी है. गरुण पुराण के मुताबिक, मृत शरीर के खुले हुए हिस्सों में सोने के टुकड़े रखने का प्रावधान है. इसे शरीर के 9 अंगों में रखा जाता है. चूंकि सोने के टुकड़े गिरने का डर होता है, इसलिए इन अंगों को रूई लगाकर बंद कर दिया जाता है. ताकि जब डेड बॉडी को श्मशान घाट ले जाया जाए तो सोने के ये टुकड़े गिरने न पाएं. माना जाता है कि सोने के ये टुकड़े बहुत पवित्र होते हैं, इसे मृत शरीर पर रखने से आत्मा को शांति मिलती है.
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