
Animal Dreams: 1950 में वैज्ञानिकों ने REM टर्म की खोज की थी, जिसका मतलब है रैपिड आई मूवमेंट. यह नींद का वो चरण हैं जिसमें इंसान सपने देखते हैं. वैज्ञानकों का कहना है कि जानवर भी REM नींद का अनुभव करते हैं.इंसानी दुनिया में सपनों का अस्तित्व क्या है? इसकी सटीक जानकारी अब तक पता नहीं चली है. लेकिन क्या आपको पता है कि जानवर भी सपने देखते हैं. कुछ वैज्ञानिक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि इंसानों की तरह जानवर भी सपने(Animal Dreams) देखते हैं और कल्पनाओं की दुनिया में खो जाते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि जानवर जब गहरी नींद में होते हैं तो उनके दिमाग का एक हिस्सा सक्रिय रहता है, जिससे उन्हें सपने आने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसा ज्यादातर पालतू कुत्तों और बिल्लियों के साथ देखने को मिलता है.
नींद में चौंकते हैं जानवर
अगर आपके घर में कोई कुत्ता या बिल्ली पली है तो आपने अक्सर देखा होगा कि सोते वक्त ये जानवर चौंक जाते हैं. कई बार कुत्ते नींद में ही भौंकने लगते हैं या फिर पैर हिलाने लगते हैं. वहीं बिल्लियां नींद में म्यांऊं-म्यांऊं करने लगती हैं. वैज्ञानिकों की रिसर्च कहती है कि ये जानवरों के सपने देखने के संकेत होते हैं.
1950 में वैज्ञानिकों ने REM टर्म की खोज की थी, जिसका मतलब है रैपिड आई मूवमेंट. यह नींद का एक चरण हैं और इंसान सपने इसी चरण के दौरान देखते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह नींद का वह वक्त होता है, जब सोते वक्त पलकों के पीछे हमारी आंखे तेज गति से घूम रही होती हैं और हार्ट रेट बढ़ जाता है.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट के साथ की गई स्टडी में निष्कर्ष निकाला है कि इंसानों की तरह जानवर भी REM नींद का अनुभव करते हैं और इसी दौरान वे सपने(Animal Dreams) भी देखते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि स्तनधारी जीव, कुछ पक्षी और कुछ रेप्टाइल्स REM नींद का अनुभव करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों की तरह जानवरों को भी अच्छे से लेकर डरावने सपने आते हैं. अगर जानवर नींद में चौंक जाते हैं तो इसका मतलब है कि उन्होंने कोई डरावना सपना देखा, जैसे कोई शिकारी उनका शिकार करने वाला हो. वहीं जब कुत्ते पैर हिलाते हैं तो उसका मतलब हो सकता है कि सपने में वे किसी काल्पनिक जानवर का शिकार करने के लिए उसका पीछा कर रहे हो.