ब्यूरो रिपोर्ट, 10 जनवरी: Food Fortification: जब भी हम कोई पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट मार्केट से खरीदते हैं, तो हम सबसे पहले प्रोडक्ट के पीछे बने रेड और ग्रीन मार्क को जरूर चेक करते हैं। रेड मार्क का मतलब मासांहारी होता है और ग्रीन मार्क का मतलब शाकाहारी होता है। लेकिन क्या आप दूध, चावल, तेल, चीनी, दाल और यहां तक कि आटे के पैकेट पर नीले रंग का +F का निशान बने होने का मतलब समझते हैं ? इस आर्टिकल में हम आपको चावल, गेहूँ, दूध और तेल पर बने +F मार्क के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। साथ ही फोर्टिफाइड फूड्स के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताएंगे।
Food Fortification: फूड पैकट्स पर +F मार्क क्या दर्शाता है?
दरअसल, भारत में बढ़ती कुपोषण की संख्या को देखते हुए और इससे निपटने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फूड फोर्टिफिकेशन को 2019 में अनिवार्य कर दिया था, जिसकी पहचान के लिए दूध, चावल, तेल आदि जैसे खाद्य पदार्थों के पैकेट पर नीले रंग के निशान +F को चिह्नित किया गया, जिससे लोगों को पहचानने में मदद मिल सके कि कौन-से प्रोडक्ट पौष्टिक हैं।
फूड प्रोडक्ट्स पर +F निशान यह दर्शाता है कि प्रोडक्ट FSSAI द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है। +F निशान वाले फूड्स को फोर्टिफाइड फूड्स कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इनमें आहार की गुणवत्ता में सुधार करने और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए विटामिन और आयरन जैसे पोषक तत्व सूक्ष्म मात्रा में मिलाए गए हैं, जो प्राकृतिक रूप से पर्याप्त मात्रा में मौजूद नहीं हो सकते हैं।
+F निशान वाले फूड्स दर्शाते हैं कि उनके न्यूट्रीशियनल वैल्यू को बेहतर बनाने के लिए, इसमें आवश्यक विटामिन और खनिज जोड़े गए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।
नियमित आहार में आयरन, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए, विटामिन डी को जोड़ते हुए एनीमिया, विटामिन डी, रिकेट्स जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद करना है।
+F मार्क फूड्स बेचने का उद्देश्य बड़ी आबादी को बिना किसी डाइट हैबिट को चेंज किए हुए किफायती और स्केलेबल तरीके से पोषक तत्व प्रदान करना है।