
हमीरपुर। सांसद अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur on Rahul Gandhi) ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का काम मात्र रोना-धोना है। यह उनकी आदत बन चुकी है। वह हारते हैं तो रोते हैं और अपनी कमियों को धोने का काम करते रहते हैं।
उन्होंने शुक्रवार को हमीरपुर में पत्रकारों से कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी की कमियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें जानना चाहिए कि क्या कारण है कि पार्टी मात्र छह सीटें जीती?
‘वो कांग्रेस कहां चली गई जो लंबी-लंबी ढींगे हांकती थी’
अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने कहा कि वह कांग्रेस कहां चली गई जो लंबी-लंबी ढींगे हांकती थी। हरियाणा में जलेबियां बनाते फिर रहे थे जबकि वहां भाजपा ने तीसरी बार प्रचंड जीत दर्ज कर ली।
महाराष्ट्र में गठबंधन करके लोग आपस में लड़ा कर थक गए और नतीजे ऐसे आए कि भारतीय जनता पार्टी ने अधिकांश सीटों पर अपना कब्जा किया। आज एनडीए ने एक बार फिर से वहां अपनी सरकार बना ली है। वह राहुल गांधी से पूछना चाहते हैं कि उनकी पार्टी कहां जा रही है।
कांग्रेस के अंदर और बाहर दरार बन चुकी है- अनुराग
उन्होंने कहा कि अब तो आम आदमी पार्टी ने गठबंधन के लोगों से कह दिया है कि कांग्रेस के लोगों को पहले बाहर करो कहीं, फिर बात करेंगे। कांग्रेस की यह स्थिति हो गई है कि उसके नेताओं को सभी राजनीतिक दलों ने नकारा है और एक बड़ा प्रश्नचिह्न नेहरू, गांधी परिवार के ऊपर खड़ा हो रहा है।
उनकी पार्टी के अंदर दो धड़े नजर आते हैं। लोकसभा में एक नेता निकलता है तो कुछ लोग उसके पीछे और जब दूसरा नेता निकलता है तो कुछ सांसद उसके पीछे चलते हैं। यह कांग्रेस की कमजोर संगठन एवं बाहर लोगों में अविश्वास दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर और बाहर दरार बन चुकी है जो कि उनकी हार का कारण लगातार रहा है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल से कम समय में लाखों नौकरियां देकर अपना वादा मोदी सरकार ने निभाया है।
अनुराग ठाकुर ने मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि
सांसद अनुराग ठाकुर(Anurag Thakur) ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का जाना एक दुखद खबर है। वह बहुत ही सम्माननीय परिवार से आए हैं व उन्होंने गरीबी भी देखी है। अपनी शिक्षा व काबिलियत के बलबूते उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो बार कार्य किया। वह देश और दुनिया में अपनी सेवाएं देकर बड़ा योगदान भारत के विकास के प्रति देकर गए हैं। वह बहुत ही मधुर स्वभाव के व्यक्तित्व थे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए उनसे व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात होती तो वह धूमल जी को प्रोफेसर साहब कह कर पूछते थे कि वह कैसे हैं। कभी ऐसा नहीं लगा कि देश का प्रधानमंत्री बात कर रहा है। आते-जाते भी हाल-चाल पूछ लेते थे। यह उनके अच्छे व्यक्तित्व का एक हिस्सा रहा है।
उनकी सरकार के समय के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे लेकिन उन्होंने बड़ी जिस सहजता से अपनी बात संसद में रखी, वो सबके लिए प्रेरणादायक रही है। डाक्टर साहब शायरी में भी तंज कर अपनी बात कह जाते थे।