
देहरादून: Chardham Yatra 2025: राज्य सरकार चारधाम यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के प्रयास में जुटी है. उधर यात्रा को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने अलग लक्ष्य पर काम कर रहा है. दरअसल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चारधाम यात्रा को प्लास्टिक फ्री यात्रा के रूप में दर्ज करना चाहता है और इसके लिए बोर्ड ने तीन रणनीतियों पर काम किया है, ताकि उत्तराखंड में आने वाले लाखों श्रद्धालु प्लास्टिक फ्री यात्रा में अपना योगदान दे सके.
श्रद्धालु प्लास्टिक कचरे को बढ़ाने की बनते हैं वजह: चारधाम यात्रा(Chardham Yatra 2025) के दौरान देश और दुनिया भर लाखों श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं. इस दौरान यह श्रद्धालु राज्य के कई जिलों से होकर धामों तक पहुंचते हैं. श्रद्धालुओं के चार धाम पहुंचने के बीच चिंता प्लास्टिक कचरे को लेकर भी रहती है. क्योंकि विभिन्न जगहों से आने वाले श्रद्धालु अपने साथ प्लास्टिक कचरा लेकर भी आते हैं और यह कचरा उत्तराखंड में ही रह जाता है. इन्हीं स्थितियों को देखते हुए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड यात्रा में प्लास्टिक कचरे पर नियंत्रण के प्रयास कर रहा है. जिसके लिए बोर्ड ने तीन रणनीतियों पर काम किया है.
जागरूकता रणनीति का पहला हिस्सा: पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने प्लास्टिक कचरे को राज्य से खत्म करने और चारधाम को प्लास्टिक फ्री यात्रा बनाने के लिए अपनी रणनीति का पहला हिस्सा जागरूकता के रूप में रखा है. इसके तहत न केवल उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को प्रदेश में दाखिल होने के दौरान विभिन्न जगहों पर प्लास्टिक के कचरे से देवभूमि को मुक्त रखने के लिए जागरूक किया जाएगा. बल्कि स्थानीय लोगों को भी इस संदर्भ में जागरूक कर प्लास्टिक के दुष्प्रभावों और इसका उपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई होने की जानकारी दी जाएगी. इसके अलावा तमाम टैक्सी चालकों और श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ियों में ही कचरे के लिए बैग रखने की भी सलाह दी जा रही है.
श्रद्धालुओं को प्लास्टिक का विकल्प देने के प्रयास: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दूसरी रणनीति श्रद्धालुओं और यात्रा में आने वाले दूसरे स्थानीय लोगों को प्लास्टिक का विकल्प देने की है. इस दौरान बोर्ड की तरफ से जहां एक तरफ प्लास्टिक की बोतलों के लिए digital deposit refund system लगाया जा रहा है. दूसरी तरफ क्लॉथ बैग मशीन भी चारधाम यात्रा रूट पर उपलब्ध कराई जा रही है. डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के जरिए आम लोग प्लास्टिक की बोतलों को यात्रा रूट पर मौजूद मशीनों में वापस जमा कर कुछ पैसे वापस ले सकते हैं तो क्लॉथ बैग मशीन के जरिए श्रद्धालुओं को कपड़े के बैग उपलब्ध होंगे जिसमें वह अपना कचरा रख पाएंगे.
रणनीति में कार्रवाई करने का लिया फैसला: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन सब प्रयासों के बावजूद भी जो श्रद्धालु नहीं मानते हैं, उनके लिए कार्रवाई अमल में लाने का फैसला लिया है. इसमें श्रद्धालुओं पर ₹500 से लेकर हजारों रुपए तक की जुर्माने के रूप में कार्रवाई हो सकती है. इसके लिए बोर्ड में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी सिंगल प्लास्टिक उसे करने वालों पर कार्रवाई के लिए कहा है.
राज्य में चार धाम यात्रा में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए बोर्ड में कुछ बड़े निर्णय लिए हैं और इस बार यात्रा के दौरान इन सभी रणनीतियों पर काम करते हुए यात्रा को प्लास्टिक फ्री करने का प्रयास किया जाएगा.
पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
उत्तराखंड में हर साल चारधाम यात्रा(Chardham Yatra 2025) में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. इस बार भी संख्या 50 लाख से ज्यादा होने की उम्मीद है. इस बार हर साल की तरह यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने हेतु प्रयास हो ही रहे हैं. साथ ही यात्रा को पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल बनाने के लिए भी कोशिश हो रही है. इसी को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यात्रा रूट पर कुछ नए प्रयोग कर रहा है. ताकि यात्रा तीर्थाटन के लिहाज से तो बेहतर स्थिति में रहे साथ ही इसका नुकसान पर्यावरण को ना हो.