
Daikokuten: ये तो हम सब जानते हैं कि हिंदू धर्म सनातन काल से चला आ रहा है. इसकी जड़ें दुनियाभर में फैली हुई हैं. अलग-अलग देशों में हिंदू भगवान की पूजा अलग नामों से होती है. इसी में भगवान शिव भी शामिल हैं. खासकर जापान में कई हिंदू देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. लेकिन वहां इनके नाम और इनके रुप अलग होते हैं. जापान में भगवान शिव की पूजा गॉड ऑफ फॉर्च्यून के रुप में की जाती है.
जापान में भगवान शिव को दायक कुटेन (Daikokuten) नाम से बुलाया जाता है. इसका मतलब होता है ब्लैक ग्रेट देव. जापानी शिवजी के रूप को महाकाल से प्रभावित बताया जाता है. जापान में दायक कुटेन की पूजा धन के लिए की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इनकी आराधना करने से इंसान के पास पैसे की कमी नहीं होती है. यही वजह है कि दायक कुटेन के हाथ में पैसे देखे जाते हैं.
पूजे जाते हैं कई देव-देवता
जापान में हिंदू धर्म की छाप कई हजार साल पहले से देखने को मिलती है. यहां कई मंदिर बने हैं. इसकी वजह है भारत से बुद्धिज़्म की शुरुआत. बोध गया आए कई लोग जब वापस जापान गए तो अपने साथ कई हिंदू देवताओं की आस्था साथ ले गए. यही कारण है कि जापान में ब्रम्हा, गणेश, माता सरस्वती के साथ कई हिंदू देवताओं को पूजा जाता है. महाशिवरात्रि पर यहां दायक कुटेन(Daikokuten) यानी नेपाली शिवजी की पूजा की जाती है.
ना सिर्फ हिंदू देवी-देवताओं के नाम जापान में अलग हैं, बल्कि इनके रुप भी अलग हैं. भारत के जिन देवताओं की झलक आपके दिमाग में है, वो जापान में वैसी नहीं है. हां, मूल चीजें वैसी ही है. जैसे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति में आपको वो बांसुरी बजाते ही नजर आ जाएंगे. इसके अलावा गणेश जी की सूंड भी आपको नजर आएगी. लेकिन इनमें बुद्ध की झलक भी आपको दिख जाएगी. कह सकते हैं कि भले ही नाम और स्वरुप अलग हैं लेकिन आस्था की जड़ भारत की ही है.