
Ek Doctor Aisi Bhi: क्या आपने महसूस किया है की हमारे आपकी ज़िंदगी में कभी-कभी सब कुछ होते हुए भी किसी के न होने का खालीपन दर्द देता है। सुंदर घर , परिवार , ऐशो आराम भी होता है लेकिन कहीं कहनी नहीं गुंजी तो वो है किलकारियां , यही अधूरापन किसी की ज़िंदगी को सालों तक खालीपन में डुबो देता है। लेकिन उत्तराखंड की एक ऎसी डॉक्टर हैं जो उम्मीद बन चुकी हैं ऐसी लोगों की…. काशीपुर में डॉक्टर माधुरी , जिन्होंने कई आंगन में किलकारियां की आवाज़ से आबाद कर दिया ज़िंदगियों को ‘माँ’ और ‘बाप’ जैसे सबसे हसीन शब्दों से जोड़ दिया है।” देखिए हमारी एक ख़ास रिपोर्ट……
हर शादीशुदा जोड़ा अपने जीवन में एक सपना संजोता है… अपने घर में एक नन्ही सी मुस्कान लाने का सपना पर कई बार किस्मत इंसान से उसका सबसे बड़ा सपना छीन लेती है।सालों गुजर जाते हैं, डॉक्टर बदल जाते हैं, इलाज बदल जाते हैं… लेकिन कुछ जोड़ियां संतान सुख से वंचित ही रह जाती हैं। इसी अधूरेपन को पूरा करने का बीड़ा उठाया है काशीपुर की डॉक्टर माधुरी गहलोत(Ek Doctor Aisi Bhi) ने, जिन्होंने एक नहीं, दर्जनों ऐसी कहानियां लिखी हैं… जहाँ उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं, लेकिन डॉक्टर माधुरी ने उन्हें एक नई शुरुआत दी।
25 साल, 18 साल, 10 साल… कितनी ही ऐसी महिलाएं थीं जो माँ बनने का सपना छोड़ चुकी थीं,लेकिन आज उनकी गोद में नन्हे हाथों की गर्माहट है।गहलोत हॉस्पिटल, काशीपुर पर स्थित ये अस्पताल, आज सिर्फ इलाज का केंद्र नहीं है…यह एक उम्मीद है… एक आशीर्वाद है… और एक नई ज़िंदगी की शुरुआत है।” एक मां ने बताया “हमारी शादी को पाँच साल हो गए थे… हर दरवाज़ा खटखटा लिया था, लेकिन हर बार मायूसी ही हाथ लगी। फिर किसी ने हमें गहलोत हॉस्पिटल के बारे में बताया… और आज हमारी गोद में हमारी एक प्यारा सा बेटा है…”
डॉक्टर माधुरी गहलोत(Ek Doctor Aisi Bhi) का दावा है वो सिर्फ दवाइयों के सहारे, उन जोड़ियों को संतान सुख दे रही हैं, जिन्होंने ज़िंदगी से उम्मीदें लगभग खो दी थीं। वो कपल्स, जो सालों तक दर-दर भटके, इलाज करवाए, दुआएं मांगीं… लेकिन गोद सूनी ही रही।डॉ. माधुरी बताती हैं कि उनके पास ऐसे अनगिनत केस आए हैं, जहाँ शादी के 18 साल बाद, 20 साल बाद, और यहां तक कि 23 साल बाद भी,माँ-बाप बनने का सपना साकार हुआ।उत्तर प्रदेश से आए ऐसे ही कुछ जोड़े हैं,जिनका इलाज गहलोत अस्पताल में चल रहा है और अब और संकेत साफ हैं कि उनके जीवन में भी जल्द ही किलकारी गूंजने वाली है।
डॉक्टर माधुरी कहती हैं कि सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि सही मार्गदर्शन, भरोसा और संवेदनशीलता ही असली दवा है — जो उन टूटे दिलों में उम्मीद का बीज बो देती है। आज उनके पास सैकड़ों ऐसे केस हैं, जहाँ कपल्स ने कहा —‘हमने तो मान लिया था कि हमारी गोद कभी नहीं भरेगी… लेकिन डॉक्टर माधुरी ने वो कर दिखाया,जिसे हम चमत्कार कहते हैं।’