
Holi 2025 For New Bride: होली हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों का त्योहार यानी होली मनाई जाती है। होली को लेकर जनमानस में कई मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसी ही एक मान्यता है कि शादी के बाद पहली होली विवाहित महिला अपने मायके में मनाती है। आइए आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है
Holi 2025 For New Bride: नई दुल्हन ससुराल में क्यों नहीं मनाती अपनी पहली होली?
नई दुल्हन की पहली होली उसके मायके में मनाने के पीछे सदियों से एक मान्यता चली आ रही है। नई बहू और उसकी सास को एक साथ होली जलाते हुए देखना बेहद अशुभ माना जाता है। इससे दोनों के बीच मनमुटाव हो सकता है या व्यक्तिगत रूप से यह दोनों के लिए अशुभ हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई लड़की अपनी पहली होली अपने ससुराल में अपने सास-ससुर के साथ मनाती है और होलिका दहन देखती है, तो उसके ससुराल वालों के साथ रिश्ते खराब होने लगते हैं और बिना बात के झगड़े होने लगते हैं।
Holi 2025 For New Bride: गर्भवती महिलाओं को भी ससुराल में नहीं मनानी चाहिए होली
शादी के बाद नई दुल्हन के लिए पहली होली अपने माता-पिता के घर खेलना शुभ माना जाता है। गर्भवती महिलाओं को भी ससुराल में होली खेलने से मना किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि पहली होली घर पर खेलने से बच्चे सुंदर और स्वस्थ बनते हैं। धार्मिक शास्त्रों में यह तर्क दिया गया है कि जब कोई नवविवाहिता पहली बार गर्भवती होती है तो मायके में उसकी विशेष देखभाल की जाती है और शादी के कुछ समय बाद तक नई दुल्हन को ससुराल में अच्छा महसूस नहीं होता है। इसलिए पहली होली उनके मायके में मनाने की परंपरा शुरू हुई।