

Kal Bhairav Ujjain: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाले उज्जैन में भगवान कालभैरव का एक प्रसिद्ध मंदिर है। खास बात ये है कि इस मंदिर में भगवान की जो प्रतिमा स्थापित है वह शराब पीती है। सुनने में ये बात भले ही अजीब लगे, लेकिन ये सच है। वैज्ञानिक भी इस प्रतिमा पर कईं शोध कर चुके हैं लेकिन वे भी इसके रहस्य को जानने में असफल रहे।
1 हजार साल पुराना है ये मंदिर
भगवान कालभैरव(Kal Bhairav Ujjain) को महाकाल का कोतवाल कहा जाता है यानी महाकाल की नगरी उज्जैन की रक्षा स्वयं काल भैरव कहते हैं। इस प्रतिमा की स्थापना यहां किसने की, इसके बारे में कोई नहीं जानता। वर्तमान में इस मंदिर की जो इमारत है वो 1 हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। इसका निर्माण परमार कालीन राजाओं ने करवाया था। इस मंदिर को बड़े-बड़े पत्थरों को जोड़कर बनाया गया था।
काल भैरव की प्रतिमा कैसे पीती है शराब?
मंदिर में जब भी कोई भक्त भगवान कालभैरव(Kal Bhairav Ujjain) को शराब चढ़ाता है तो पुजारी उस शराब को एक प्याले में लेकर प्रतिमा के मुख पर लगाते हैं और देखते ही देखते वह प्याला खाली हो जाता है। इस चमत्कार को करोड़ों लोग अपनी आंखों से देख चुके हैं। कईं सौ सालों से ये परंपरा जारी है। इस हिसाब से देखा जाए तो भगवान काल भैरव की ये प्रतिमा लाखों लीटर शराब पी चुकी है।
मंदिर के चारों हुई थी खुदाई
करीब 20 साल पहले मंदिर की इमारत को मजबूत करने के लिए इसके चारों ओर 12-12 फीट गहरी खुदाई की गई थी। बहुत से लोग इस खुदाई को देखने यहां पहुंचते थे। सभी जानना चाहते थे कि जब काल भैरव शराब का सेवन करते हैं तो वह शराब कहां जाती है। इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए खुदाई कार्य के दौरान काफी लोग आए, लेकिन खुदाई में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे लोगों को इस प्रश्न का समाधान हो सके।
मंदिर परिसर में पाताल भैरवी की प्रतिमा भी
कालभैरव मंदिर परिसर के अंदर ही पाताल भैरवी की गुफा भी है। ये गुफा जमीन से लगभग 15 फीट नीचे की ओर जाती है। यहां देवी की एक प्रतिमा स्थापित है जिसे पाताल भैरवी कहा जाता है। गुफा में आने-जाने का एक ही रास्ता है, जहां से सिर्फ एक व्यक्ति ही नीचे जा सकता है। लोगों के लिए ये गुफा भी आश्चर्य का विषय है।
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