
Kanya Pujan 2025: नवरात्रि में नौ दिन भक्त देवी मां की सेवा पूरे विधि-विधान और नियम से करते हैं। अष्टमी के दिन या फिर महानवमी के दिन नौ छोटी कन्याओं को जिन्हें देवी का रूप मान जाता है उन्हें आमंत्रित करके भोजन कराया जाता है। हिंदू धर्म में नारी को ही शक्ति का रूप माना गया है लेकिन छोटी-छोटी कन्याओं का मन देवी की तरह ही साफ होता है, इसलिए नवरात्रि में इनकी भी सेवा करना माता की सेवा के समान ही माना जाता है। कन्याओं को भोजन और अंत में मिलने वाले उपहार से जितनी खुशी होती है, माता रानी की भी उतनी ही कृपा जातक को मिलती है। यहां पर हम आपको कन्या पूजन के महत्व के साथ ही , कुंवारी कन्याओं को दिए जाने वाले उपहार के लिए भी कुछ टिप्स देंगे जो आपकी जरूर मदद करेंगे।
Kanya Pujan 2025: दक्षिणा में दें उनका मनपसंद उपहार
कन्याओं की पूजा और भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा स्वरूप उपहार देकर विदा किया जाता है। अपनी दक्षिणा या उपहार से कन्या रूपी माता जितना खुश होंगी उतना ही आशीर्वाद भी देंगी। अपनी क्षमता के अनुसार आप कन्याओं के लिए छोटे-छोटे गिफ्ट हैंपर तैयार कर सकते हैं जैसे-
-एक हेयर क्लिप, एक फ्लावर वाले बो और रंग बिरंगे हेयर बिड्स डालकर पैक कर लें।
-कार्टून प्रिंट या नाम के एनिशियल वाले सॉफ्ट नैपकिन गिफ्ट कर सकते हैं।
-छोटे कम्पस में पैंसिल, इरेजर और कटर का सेट बना सकते हैं।
-बच्चियों को गुड़िया से ज्यादा कुछ पसंद नहीं होता, संभव हो तो छोटी-छोटी गुड़ियां खरीदकर दें।
-माता को लाल रंग बहुत पसंद है इसलिए लाल चुनरी जरूर दें।
-उपहार की सामाग्री के साथ चावल, सिक्का और एक फल जरूर रखें।
Kanya Pujan 2025: 10 साल से बड़ी ना हों कन्याएं
शास्त्र के हिसाब से जिन कन्याओं को भोजन के लिए बुला रहे हों उनकी उम्र 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 9 कन्याओं के साथ एक लंगूर यानी एक बालक की भी पूजा करके भोजन कराना चाहिए। सभी को एक दिन पहले आमंत्रित करें और घर आने पर सभी के पैर छोकर पोछ लें। फिर पैरों में आलता लगाकर आसन पर बैठाएं और फिर टीका करके आरती उतारें। उसके बाद भोजन कराएं और जाते वक्त दक्षिणा देकर प्रणाम करें। छोटी-छोटी कन्याओं से मिला आशीर्वाद स्वयं माता रानी से मिला आशीर्वाद मान जाता है।