Madarsa Board एक तरफ सीएम धामी की उम्मीद के मुताबिक सबका विकास करने का दावा करने वाला मदरसा बोर्ड बेसुधी में भले ही ज़मीन पर कोई पुख्ता काम करता नज़र न आ रहा हो लेकिन उत्तराखंड में संचालित अवैध मदरसों को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग सख्त हो गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अवैध मदरसों के मैपिंग मामले में प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को समन जारी कर दिया है। जिसमें प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को दिल्ली तलब किया गया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पिछले दिनों देहरादून के कुछ मदरसों का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण में उन्होंने पाया कि बिहार और उत्तर प्रदेश से बच्चों को यहां लाकर मदरसों में पढ़ाया जा रहा है।
जिलाधिकारियों को समन जारी कर दिल्ली तलब किया Madarsa Board
मदरसों के निरीक्षण के बाद आयोग ने बच्चों के अधिकारों से जुड़े मसले पर विभिन्न 14 विभागों के साथ बैठक की। 13 मई को हुई बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में मदरसों की मैपिंग में जिलाधिकारियों की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके बाद उत्तराखंड में मदरसों की मैपिंग न करने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को समन जारी कर दिल्ली तलब किया है। हाँलाकि इस बारे में जब हमने बोर्ड दफ्तर में जानकारी लेनी चाहि तो ओहदेदार नहीं मिले और मातहत कर्मचारी कुछ भी मालूम न होने की बात कह पल्ला झाड़ते ही मिले। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड में न गंभीरता से कोई फैसला हो रहा है न ही मुस्लिम समाज का कोई बड़ा जागरूकता अभियान ही चलाया जा रहा है जिससे अवैध मद्रों की चांदी कट रही है। वहीँ जब हमने मुस्लिम समुदाय से बात की तो उनका कहना है कि सरकार की मंशा भले ही हमारी तरक्की करने की हो लेकिन जब महकमा ही सुस्त होगा तो उनकी सुध कौन लेगा ?
आपको यहाँ ये भी बता दें कि छह जिलों के जिलाधिकारियों को सात जून और अन्य को 10 जून को आयोग में पेश होना होगा। बिना किसी वैध वजह के आयोग में पेश न होने पर संबंधित के खिलाफ सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। 13 मई को देहरादून आए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक के अलावा कारगी ग्रांट स्थित मदरसों में निरीक्षण भी किया था। अब देखना होगा कि ढुलमुल मदरसा बोर्ड कब रफ़्तार पकड़ेगा और कब अपने असल उद्देश्य के लिए ज़मीन पर काम करना शुरू करेगा जिससे इन अवैध मदरसों की नकेल कसी जा सके और प्रदेश सरकार का उद्देश्य भी सफल हो सके।