
MANSA DEVI TEMPLE STAMPEDE हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह अचानक से भगदड़ मच गई. इस हादसे में खबर लिखे जाने तक 7 श्रद्धालुओं की मौत की खबर थी। जबकि करीब 35 लोग घायल हुए हैं. इन घायलों में चार की हालत गंभीर बताई जा रही है. घटना उस समय हुई जब मंदिर के मार्ग पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी.SSP प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने इस हादसे की असल वजह बताई. कुछ लोगों का कहना है कि भीड़ एक संकरे रास्ते में फंस गई. जैसे-जैसे श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर की ओर ऊपर चढ़ाई कर रहे थे. अचानक कुछ लोगों ने तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश की. इससे बैलेंस बिगड़ा, कुछ लोग फिसले और देखते ही देखते भगदड़ मच गई. अफरा-तफरी में कई लोग नीचे गिर पड़े और अन्य लोग उनके ऊपर गिरते गए, जो कि लोगों के मौत का कारण बना.
करंट लगने की अफवाह से मची भगदड़ MANSA DEVI TEMPLE STAMPEDE
मनसा देवी मंदिर में मची भगदड़ को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भगदड़ की शुरुआत अफवाह से हुई. उन्होंने कहा, ‘हमें कुछ लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल रेस्क्यू शुरू किया. करीब 35 लोगों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से 6 की मौत की पुष्टि हुई है. बाकी का इलाज जारी है.’उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि हादसे की वजह सीढ़ियों से 100 मीटर नीचे एक रेलिंग के पास बिजली का करंट लगने की अफवाह थी. SSP डोभाल ने कहा, ‘जैसे ही भीड़ में यह अफवाह फैली कि रेलिंग में करंट दौड़ गया है, श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई. लोग इधर-उधर भागने लगे और कई लोग सीढ़ियों पर गिर पड़े.’
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने भी हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि वे मौके के लिए रवाना हो चुके हैं और घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, ‘हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है. उत्तराखंड एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना में मृतकों के परिजनों को 02-02 लाख और घायलों को 50 -50 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी हरिद्वार को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के साथ त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की जा रही है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि इस दुर्घटना में 05 गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। इसके अतिरिक्त 23 अन्य घायल श्रद्धालुओं का उपचार जिला चिकित्सालय हरिद्वार में चल रहा है, जहां सभी घायलों को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।