Mir Osman Ali 1947 में जब देश आजाद हुआ तब हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली भारत के सबसे अमीर शख़्स थे. उस वक्त उनकी कुल संपत्ति 17.5 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी. निजाम के पास 20 लाख पाउंड से ज्यादा तो सिर्फ कैश था. इसके अलावा बेशुमार हीरे, मोती, सोना और जवाहरात थे. उन्हें आजाद भारत का पहला अरबपति भी कहा गया. इतना कुछ होने के बावजूद निजाम अपनी कंजूसी के लिए बदनाम थे. निजाम की कंजूसी का आलम ये था कि वो लोगों की जूठी सिगरेट तक नहीं छोड़ते थे.
बुझी सिगरेट तक पी जाते थे Mir Osman Ali
इतिहासकार डोमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स अपनी मशहूर किताब ”फ्रीडम ऐट मिडनाइट” (Freedom at Midnight) में लिखते हैं कि मीर उस्मान अली अपनी कंजूसी के लिए बदनाम थे. उनके घर कोई मेहमान आता और अपनी बुझी सिगरेट छोड़ जाता तो निजाम ऐशट्रे से वह जूठी और बुझी सिगरेट उठाकर पीने लगते. अपने पास सबसे सस्ती सिगरेट रखा करते थे. वह भी यदा-कदा ही जलाते.
वायसराय को नहीं पिलाई शैंपेन
लापियर और कॉलिन्स अपनी किताब में एक और दिलचस्प किस्सा लिखते हैं, जो साल 1944 का है. लॉर्ड वेवेल वायसराय की हैसियत से हैदराबाद आने वाले थे. निजाम के सलाहकारों ने उनसे कहा कि वायसराय की खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़नी चाहिए, लेकिन निजाम ने ऐसी हरकत की जिससे सब दंग रह गए. उन्होंने खास तौर से दिल्ली एक तार भिजवाया और पूछा कि क्या वायसराय की मेहमान नवाजी में शैंपेन जरूरी है? इतनी महंगाई में शैंपेन पिलाना उचित होगा? एक और मौके पर नवाब ने शाही भोज का आयोजन किया और उन्हें मजबूरी में खाने की टेबल पर शैंपेन रखना पड़ा. उन्होंने सिर्फ एक बोतल रखवाई और इस बात पर कड़ी नजर रखी कि वह बोतल तीन-चार मेहमानों से आगे न जा पाए.
आजादी के वक्त हैदराबाद के निजाम नवाब मीर उस्मान अली खान न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सबसे रईस आदमी थे. जब देसी रियासतों के भारत में विलय की बात आई तो निजाम अड़ गए. पाकिस्तान की तरफ झुकाव रखने वाले निजाम हैदराबाद को अलग देश बनाना चाहते थे. निजाम मीर उस्मान अली (Mir Osman Ali Khan) कई और चीजों के लिए बदनाम थे, जिनमें से एक उनका अटपटा शौक था.इतिहासकार डोमिनिक लापियर और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब ”फ्रीडम एट मिडनाइट” में लिखते हैं कि हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान को फोटोग्राफी और अश्लील चित्रों को रखने का शौक था. उन्होंने अश्लील फोटो का बड़ा कलेक्शन जमा कर रखा था.
गेस्ट रूम में लगवा रखे थे खुफिया कैमरे
निजाम ने अश्लील तस्वीरें इकट्ठा करने के लिए अपने मेहमानों के कमरे की दीवारों और छत में खुफिया कैमरे लगवा रखे थे, जो कमरे में होने वाली एक-एक हरकत की तस्वीरें खींचते रहता था. यहां तक कि निजाम ने गेस्ट रूम के टॉयलेट में भी शीशे के पीछे खुफिया कैमरा लगवा दिये थे. यह कैमरा निजाम के टॉयलेट में निवृत होने वाले मेहमानों की अलग-अलग पोज में फोटो खींचना रहता था और वो अपने दोस्तों से चहक कर इस बारे में बताया करते थे.निजाम की इन हरकतों की खबर ब्रिटिश हुकूमत को भी थी. उनकी एक-एक हरकत को बाकायदा डॉक्यूमेंट करके रखा गया था. ”फ्रीडम एट मिडनाइट” के मुताबिक जब भारत का बंटवारा तय हो गया तो अंग्रेजों ने भारत के राजा, महाराजा, नवाब और निजाम से जुड़े कुछ खुफिया दस्तावेजों को नष्ट करने का फैसला किया. इन दस्तावेजों में भारतीय इतिहास के अत्यंत तूफानी और रंगीन दस्तानों के रोंगटे खड़े कर देने कारनामे दर्ज थे. कुछ रियासतों की 5 पीढ़ियों की करतूत दर्ज थी.
ब्रिटिश हुकूमत ने बड़ी जतन से हिंदुस्तान के राजा-महाराजाओं का ब्यौरा इकट्ठा किया था, ताकि जरूरत के हिसाब से उसे हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सके. जब भारत का बंटवारा तय हुआ तब अंग्रेजों को लगा कि ऐसी फाइलें स्वतंत्र भारत और पाकिस्तान की सरकार के हाथ में बड़ा हथियार बन सकती हैं. उन दोनों सर कोरनाड कॉरफील्ड (Conrad Corfield) वायसराय के सेक्रेटरी हुआ करते थे. उन्होंने लंदन से इजाजत लेने के बाद भारत के कोने-कोने में रखे इन खुफिया दस्तावेजों को नष्ट करवाने का आदेश दे दिया. कम से कम 4 टन दस्तावेज, रिपोर्ट और फाइलें आग की लपट में झोंक दी गईं. इन्हीं रिपोर्ट में निजाम की हरकतों का इतिहास भी जलकर खाक हो गया.