

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा 8 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस(National Deworming Day) का आयोजन राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज में किया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को कृमि संक्रमण से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाना है। स्वाति एस भदौरिया, मिशन निदेशक एन.एच.एम. द्वारा बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों और किशोरों के पोषण स्तर, संज्ञानात्मक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना है। कृमि संक्रमण बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, जिससे उनके समग्र विकास में बाधा आती है। कृमि के नियंत्रण हेतु एल्बेंडाजॉल दवा को एक प्रभावी और सुरक्षित उपाय माना जाता है।
मिशन निदेशक ने जानकारी दी कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य के समस्त निजी स्कूलों, तकनीकी / महाविद्यालयों, कोचिंग सेंटरों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों, आंगनवाड़ी केंद्रों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के अंतर्गत मलिन एवं अगम्य बस्तियों में रह रहे बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि हर बच्चे को कृमि मुक्ति का लाभ मिल सके। स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकर्ता माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर दवा लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में बच्चों की पूर्ण उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह सुविधा पहुंचे।
झरना कमठान, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा कार्यक्रम में बताया कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह पहल “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम”(National Deworming Day) बच्चों और किशोरों को कृमि संक्रमण से मुक्त करने हेतु एक प्रभावी और समग्र रणनीति है। उन्होने बताया कि समाज और देश के निर्माण में स्वस्थ बचपन की भूमिका सर्वोपरि है।वे बच्चे जो किसी भी स्कूल या आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें शहरी विकास विभाग, आई.सी.डी.एस एवं आशा कार्यकर्ताओं की सहायता से चिन्हित कर आउटरीच कैंप के माध्यम से दवा दी जाएगी। यह पहल देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं पौड़ी जिलों में विशेष रूप से लागू की जाएगी।
इस अभियान के तहत 8 अप्रैल 2025 को कृमि मुक्ति दिवस(National Deworming Day) और 16 अप्रैल 2025 को मॉप-अप दिवस आयोजित किया जायेगा। मॉप-अप दिवस उन बच्चों के लिए निर्धारित है जो किसी कारण कृमि मुक्ति दिवस पर दवा नहीं ले सके। राज्य के सभी 13 जिलों में 1 से 19 वर्ष की आयु के 36 लाख से अधिक लक्षित बच्चों और किशोरों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजॉल 400 मिलीग्राम दी जाएगी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का एनीमिया मुक्ति भारत अभियान में महत्वपूर्ण योगदान है। यह राष्ट्रीय पोषण नीति के अंतर्गत शामिल किया गया है और स्वच्छ भारत अभियान के साथ समन्वय में कार्य करता है, जिससे स्वच्छता और साफ-सफाई को बढ़ावा देकर कृमि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके। इस अभियान की तैयारियों के तहत, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूल एवं शिक्षण संस्थानों के नोडल शिक्षकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
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