Opration Mukti समाज में सबसे बड़ा परोपकार है मानव सेवा जिसको ईश्वर सेवा के समान माना जाता है। कहते हैं कि बच्चों में भगवान् का वास होता है ऐसे में बच्चों के लिए किया गया परोपकार भी भगवान की सेवा से कम नहीं है। हमारी और आपकी सुरक्षा करने वाली मित्र पुलिस इसी परोपकार के संस्कार से लोगों की वाहवाही और बच्चों की दुआएं बटोर रही है। हम बात उन बेबस बच्चों की कर रहे हैं जो हालात से मजबूर होकर भिक्षावृत्ति में अपना बालपन खो रहे हैं लेकिन डीजीपी अभिनव कुमार के नेतृत्व में उम्मीद की रौशनी बनकर ’’ऑपरेशन मुक्ति’ एक बार फिर शानदार अभियान साबित हो रही है।
उत्तराखंड मित्र पुलिस को मिल रही दुआएं Opration Mukti
उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेहतरीन पहल ऑपरेशन मुक्ति ने पहले भी बेहतरीन कामयाबी हासिल की थी और एक बार फिर प्रदेश में बच्चों से करायी जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में संलिप्त होने से रोकने एवं उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किये जाने के लिए प्रदेश में चर्चित ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान मार्च महीने में उत्तराखंड के सभी जिलों और रेलवेज में चलाया गया। इस दौरान जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा अभियान को सफल बनाया गया। रेलवेज में भी एक टीम का गठन कर अभियान को चलाया गया।
इस अभियान के लिए अन्य सम्बन्धित विभागों/स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया गया। अभियान जनपद के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है पर अभियान को चलाया गया, जिसमें भिक्षावृत्ति/ कूड़ा बीनने/ गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराये जाने हेतु कार्यवाही की गयी ।स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं व जनता को जागरूक किया गया ।
आप भी करें पीड़ित बच्चों की मदद
आपको बता दें कि अभियान में भिक्षा मांगने/ कूड़ाबीन ने/ गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 892 बच्चों का सत्यापन किया गया, सत्यापन किये गये 892 बच्चों में से कुल 378 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया, अन्य बच्चों के विद्यालयों में दाखिला कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। अभियान के दौरान बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाला कोई गैंग प्रकाश में नहीं आया। अभियान के दौरान बाल श्रम करते पाये गये 06 बच्चों को रेस्क्यू कर नियोजकों के विरूद्ध 02 अभियोग तथा भिक्षावृत्ति करते पाये गये 08 व्यक्तियों के विरूद्ध 02 अभियोग पंजीकृत कराये गये । वर्ष 2017 से अब तक 8562 बच्चों का सत्यापन किया जा चुका है तथा 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया है ।