

Pahalgaam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में इंदौर के सुशील नथानियल की भी जान चली गई। वह अपनी पत्नी जेनिफर, बेटे ऑस्टिन और बेटी आकांक्षा के साथ पहलगाम गए थे। पत्नी ने कहा कि उन्होंने मेरी जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी दे दी। मैंने बस इतना सुना, वहां जो व्यक्ति थे वो बहुत कम उम्र के थे। उन्होंने मेरे मिस्टर के पास बंदूक लगाकर बोला कि कलमा पढ़ो। मेरे मिस्टर ने कहा कि मैं तो क्रिश्चियन हूं, मुझे कलमा पढ़ना नहीं आता। मेरे पति ने बस इतना बोला ही था कि उनको धक्का दिया और बंदूक से गोली मार दी सीने पर।
Pahalgaam Terror Attack: मुझे बचाने के लिए उन्होंने अपने सीने पर गोली खा ली
सुशील का शव बुधवार रात इंदौर लाया गया। गुरुवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार हुआ है। जेनिफर ने देर रात कहा कि आप आए इसके लिए शुक्रिया, पर मैं मेरे पति को जैसे ले गई थी वैसे लेकर नहीं आ पाई। मेरी जान बचाने के लिए उन्होंने अपने सीने पर गोली खाई। आतंकियों ने मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे पहलगाम की बैसारन घाटी में पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में इटली और इजराइल का एक-एक पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक मध्यप्रदेश गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं।
Pahalgaam Terror Attack: 15 साल के बच्चे थे आतंकी, सेल्फी ले रहे थे
पिता के अंतिम संस्कार के बाद बेटे ऑस्टिन ने भी दहशत के उन पलों को याद करते हुए अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि आतंकी हर किसी से पूछ रहे थे कि मुस्लिम हो? जो मुस्लिम नहीं था उनको गोली मार दी। मेरे सामने उन्होंने दो लोगों को गोली मारी। उन्होंने पूछा, मुस्लिम? तो किसी ने हां बोला। इसके बाद आतंकी ने उससे कहा कि कलमा पढ़कर दिखाओ। कलमा पढ़ने के बाद कहा कि खतना नहीं है तुम्हारा और गोली मार दी। आतंकी 15-15 साल के बच्चे थे, वो वहां खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे और अपने सिर पर कैमरा लगाकर आए थे।
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