Social Media Addiction हार्वर्ड के चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधार्थियों के हालिया अध्ययन के अनुसार 17 वर्ष एवं इससे कम उम्र के यूट्यूब के 4.98 करोड़ उपयोगकर्ता, टिक टॉक के 1.9 करोड़, स्नैपचैट के 1.8 करोड़, इंस्टाग्राम के 1.67, फेसबुक के 99 लाख और ट्विटर के 70 लाख उपयोगकर्ता रहने के अनुमान हैं। सोशल मीडिया कंपनियों के लिए किशोर एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं। चैन स्कूल के अध्ययन के अनुसार, 2022 में 17 वर्ष और उससे कम उम्र के सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से राजस्व 11 अरब अमेरिकी डॉलर था।
सोशल मीडिया का ओवरयूज खतरनाक Social Media Addiction
इंस्टाग्राम ने लगभग 5 अरब अमेरिकी डॉलर की कमाई की, जबकि टिक टॉक और यूट्यूब ने 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई की। सोशल मीडिया किशोरों के लिए कई प्रकार के जोखिम पैदा करता है, जिसमें उन्हें उत्पीड़न, धमकाने और यौन शोषण से लेकर खान-पान संबंधी विकारों और आत्मघाती विचारों को प्रोत्साहित करना आदि शामिल हैं। अमेरिकी संसद (कांग्रेस) द्वारा ऑनलाइन मंच पर बच्चों की सुरक्षा पर सार्थक कार्रवाई करने के लिए हमने तीन मुद्दों की पहचान की है, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इनमें आयु, ‘बिजनेस मॉडल’ और ‘कंटेंट मॉडरेशन’ शामिल हैं।
आप कितने वर्ष के हैं ?
मेटा ने उपयोगकर्ता की उम्र सत्यापित करने के लिए कुछ संभावित रणनीतियों का वर्णन किया है, जैसे कि पहचान या वीडियो सेल्फी की आवश्यकता, और ‘जन्म दिन मुबारक हो’ संदेशों के आधार पर उनकी उम्र का अनुमान लगाने के लिए एआई (कृत्रिम मेधा) का उपयोग करना। मेटा ने कहा है कि नुकसान को रोकने के लिए ऑनलाइन किशोर सुरक्षा कानून की आवश्यकता है।
उपयोगकर्ताओं की नयी पीढ़ी
सभी सोशल मीडिया मंचों के अपने निरंतर विकास के लिए किशोरों को अपनी ओर आकर्षित करना महत्वपूर्ण है। एक कंपनी के दस्तावेजों की समीक्षा पर आधारित जांच से पता चला है कि इंस्टाग्राम की विकास रणनीति किशोरों द्वारा परिवार के सदस्यों, विशेषकर छोटे भाई-बहनों को मंच पर लाने में मदद करने पर निर्भर करती है। सोशल मीडिया कंपनियां सामग्री को नियंत्रित करने और अपने मंच पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए एआई के उपयोग का वादा करती हैं, लेकिन मानव व्यवहार के प्रबंधन के लिए एआई कोई अचूक उपाय नहीं है।
आगे की राह
वर्तमान में, किशोरों की मदद के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को मानव ‘कंटेंट मॉडरेशन’ और आयु सत्यापन में निवेश करने की आवश्यकता होगी। लेकिन उससे भी समस्या का समाधान होने की संभावना नहीं है। वहीं, महामारी के बाद बड़ी संख्या में किशोरों के ऑनलाइन होने के साथ, यह संसद पर निर्भर है कि वह ऐसे नियम लागू करे जो अंततः गोपनीयता और सामुदायिक सुरक्षा को सोशल मीडिया डिजाइन के केंद्र में रखे।