
Tharali Cloudbrust उत्तरकाशी में बादल फटने से कई इलाकों में भारी तबाही हुई है. इस घटना में चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं. भारी बारिश के कारण घर-मकान बाढ़ की चपेट में आ गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है. उत्तराखंड में एक और बड़ी प्राकृतिक आपदा ने कोहराम मचा दिया है. उत्तरकाशी में बादल फटने से अथाह पानी आया, उसकी बाढ़ में कई गांवों के लोग बह गए. दर्जनों लोग लापता हैं. प्रशासन ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है, हालांकि धराली में काफी घर-मकान तबाह हुए हैं, जिससे मौतों का आंकड़ा और बढ़ने के आसार हैं.
उत्तराखंड में मानसून एक बार फिर कहर बनकर टूटा है, उत्तरकाशी जिले के धराली गांव की खीरगंगा में मंगलवार सुबह बादल फटने की घटना से पूरा क्षेत्र दहल उठा, अचानक आई भीषण बाढ़ ने धराली बाजार और आसपास के इलाकों को पूरी तरह तबाह कर दिया, जलप्रलय की भयावहता ऐसी थी कि गांव की ओर बढ़ते पानी को देखकर लोगों में चीख-पुकार मच गई। कई लोग मलबे में दब गए हैं जबकि कुछ लोग खीरगंगा के पार स्थित अपने घरों और होटलों में फंसे हुए हैं।
भारी बारिश के चलते होटलों और दुकानों में मलबा व पानी भर गया है, जिससे कई संरचनाएं जमींदोज हो गई हैं, धराली बाजार पूरी तरह जलप्रलय की चपेट में आ गया, उत्तरकाशी प्रशासन के साथ-साथ सेना, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके के लिए रवाना कर दी गईं हैं, प्रशासन ने रेस्क्यू और राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और हर संभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया, पीएम ने कहा कि प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है, मुख्यमंत्री धामी ने भी हालात पर गहरी चिंता जताई और अधिकारियों को हर जरूरी कदम तुरंत उठाने के निर्देश दिए।
उत्तरकाशी में बादल फटने (Cloudburst in Uttarkashi) की जानकारी मिलते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री धामी से बात कर केंद्र सरकार से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. राज्य सरकार ने राहत कार्यों को तेज करने के लिए केंद्र से 2 एमआई और 1 चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच आसान हो सके. उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्या ने कहा कि प्रशासन सतर्क है और लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है. बता दें कि धरावी गांव देहरादून से 218 किमी दूर है. घटना के कई वीडियो और फोटोज सामने आए हैं. रेस्क्यू टीम SDRF, NDRF के साथ आर्मी भी मौके पर पहुंच गई है.
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि एक गदेरा, जो भागीरथी में मिलता है, में अचानक पानी का बहाव बढ़ने से यह तबाही हुई. उन्होंने कहा- सेना और अन्य एजेंसियां मिलकर लोगों की जान बचाने (Rescue Operations in Uttarkashi) के लिए प्रयासरत हैं. इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में आपदाओं की भयावहता को उजागर किया है. भू-विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण कार्य इन आपदाओं का कारण बन रहे हैं. सरकार को लंबे समय के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटा जा सके. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर निगरानी रखते हुए प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है.