
राज्य के श्रमिकों का हित(Welfare of Workers) सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। जिन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उत्तराखण्ड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का गठन किया गया है, उनको पूरा करने के लिए स्पष्ट योजना के तहत कार्य किये जाएं। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए उनको एक छत के नीचे लाया जाए, जिससे सभी पात्रों को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। श्रमिकों को प्रदान की जा रही योजनाओं का उन्हें समुचित लाभ मिले। राज्य के श्रमिकों को पहले प्राथमिकता में रखा जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।
17 लाख महिला और 13 लाख पुरुष श्रमिक पंजीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक प्रकार की योजना को क्लब कर पात्र को अधिकतम लाभान्वित किया जाए, जिससे योजना प्रभावी रहे और नियमित मॉनिटरिंग भी हो सके। राज्य के संसाधनों का बेहतर उपयोग हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया जाय । श्रमिकों के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने और उनको मिलने वाली सुविधाओं से लाभान्वित करने पर भी जोर दिया जाए। श्रमिकों के कौशल विकास(Welfare of Workers) पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा स्पष्ट और सरल भाषा में आम लोगों को जानकारी दी जाय। उन्होंने कहा कि बोर्ड के सदस्यों ने जो भी सुझाव दिये हैं, उन्हें भविष्य की योजनाओं में शामिल किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखंड राज्य से लगभग 30 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। इनमें 17 लाख महिला और 13 लाख पुरुष कामगार है। अभी तक 20 लाख श्रमिकों का सत्यापन(Welfare of Workers) हो चुका है। 20 लाख सत्यापित कामगारों में 2.5 लाख निर्माण श्रमिक, 17.50 लाख अन्य विभिन्न श्रेणियों के कामगार है। श्रम विभाग द्वारा ई श्रम पोर्टल के 15 पंजीकृत कामगारों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से लाभान्वित किया गया है। जिसमें रुपए 02 लाख दुर्घटना बीमा के रूप में दिया जाता है। पीएम श्रम योगी मानधन योजना में 39 हजार 567 पंजीकृत कामगार है जिसमें 20 हजार 509 महिला और 19 हजार 58 पुरुष कामगार है।
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