Uttarakhand मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 30 वीं बरसी के अवसर पर मसूरी के शहीद स्मारक पहुंचकर शहीद आंदोलनकारियों को नमन किया एवं उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू किये जाने पर राज्य आंदोलनकारियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया।
शहीदों को सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि Uttarakhand
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी जान की परवाह किये बिना अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि शहीद आंदोलनकारियों ने जो सपने उत्तराखंड के लिए देखे थे, उन्हें पूरा करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा कांड, 2 सितंबर को मसूरी और 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा कांड हुआ, ये तीनों दिन हमारे राज्य के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने अमर शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भुला नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को बर्बरतापूर्ण कुचलने का काम तत्कालीन सरकार ने किया।
मुख्यमंत्री ने स्व इन्द्रमणि बडोनी की मूर्ति पर श्रद्धांजलि दी
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड के बाद मसूरी में लोगों में भारी आक्रोश था। जिसको लेकर 2 सितंबर को आंदोलनकारी खटीमा गोली कांड के विरोध में शांतिपूर्वक तरीके से एक सितंबर को उधमसिंह नगर खटीमा में हुए गोलीकांड के विरोध में क्रमिक अनशन कर रहे थे। इस दौरान तत्कालीन सरकार के निर्देश पर पीएसी व पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बिना पूर्व चेतावनी के अकारण ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। जिसमें आंदोलनकारी बलबीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी, मदन मोहन ममगाईं, बेलमती चौहान और हंसा धनाई शहीद हो गए। उन्होंने कहा अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को अलग राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।