Uttarakhand congress ये अलग बात है कि देश भर में दिग्गज नेता कांग्रेस को टाटा बाय बाय कर रहे हैं , ये भी अलग बात है कि उत्तराखंड के पांचों सीटों पर बीजेपी का कब्ज़ा है लेकिन जोश के मामले में टीम कैप्टेन करन माहरा और पहाड़ के चाणक्य यशपाल आर्य भी पूरे जोश में 2024 का रण जीतने का दम भरते दिख रहे हैं।दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस जोर-शोर से तैयारी कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है.लेकिन अंदरखाने सुगबुगाहट ये भी है कि चुनावी मुनाफे के लिए कुछ बड़े कांग्रेसी चेहरे भाजपा मुख्यालय में जल्द नज़र आ सकते हैं।
कोंग्रेस दिग्गज पाला बदलने की तैयारी में ! Uttarakhand congress
हरदा या हरक … ज्योति या माहरा … यशपाल या भुवन …. या फिर नए पुरानों का कॉम्बिनेशन , कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब तलाशने के लिए दिल्ली में कांग्रेस चयन समिति की बैठक हुई. बैठक में उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों के चयन के लिए 35 नामों पर चर्चा हुई। ऑडिट कमेटी की बैठक में ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष भगत चरण दास, उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी शैलजा, कमेटी सदस्य यशोमति ठाकुर, उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य मौजूद रहे।सम्भव है कि इस दौरान उन लोगों पर भी चर्चा हुयी हो जिनके निगम और लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छोड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।
दावेदारों की फौज से बढ़ेगी टेंशन टिकट पर टिकी नज़र
दरअसल, कुछ दिन पहले कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने उत्तराखंड का दौरा किया था. दौरे के दौरान प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों ने सभी वरिष्ठ नेताओं से एक-एक कर मुलाकात की. कुमारी शैलजा ने राज्य की स्थिति और गुटबाज़ी , भितरघत , असंतोष जैसे गंभीर मुद्दों पर भी बात की। नेताओं की नब्ज टटोलने के लिए देहरादून में बैठक के बाद मुख्यमंत्री कुमारी शैलजा दिल्ली गईं और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. कुमारी शैलजा ने संभावित उम्मीदवारों के तौर पर 35 नामों की सूची भी तैयार की. इसके बाद 17 फरवरी को दिल्ली में चयन समिति की बैठक हुई, जिसमें न सिर्फ उम्मीदवारों के नामों पर विस्तार से चर्चा हुई, बल्कि उन मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिन पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी. लेकिन सवाल फिर वही है कि क्या भाजपा से जीतने के लिए कांग्रेस एकजुटता दिखाएगी और क्या भितरघात और दल बदलने को तैयार कुछ बड़े और प्रभावशाली कोंग्रेसियों को अपने साथ जोड़े रख सकेगी ?