Uttarakhand देहरादून में बीते रोज आई भीषण आपदा ने कई घर तबाह कर दिए न जाने कितने लोगों की रोजीरोटी के संसाधन इस विभीषिका में बह गए। खुद मुख्यमंत्री धामी सुबह सवेरे आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन को देखा और पीड़ितों को मदद का भरोसा दिया। इस सबमें एक ख़ास बात जो निकल कर सामने आयी वो है जिला प्रशासन का त्वरित एक्शन मोड में आकर पूरी रात राहत और बचाव कार्यों में जूझने और लोगों को बचाने का जज्बा यही वजह है कि दिन निकलते ही जिस भारी नुक्सान की उम्मीद की जा रही थी उसको टीम आपदा प्रबंधन विभाग ने बेहद कम कर दिया था जिसके बाद खुद सरकार ने राहत की सांस ली है।
जांबाज़ राहतकर्मियों का हौसला बढ़ा रहे थे केके मिश्रा Uttarakhand

रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान आधी रात से ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने सम्हाल ली थी , अफसरों के लगातार मोबाइल घनघना रहे थे और कहीं से भी किसी घटना की सुचना मिलते ही देर रात कमान सम्हाल रहे एडीएम केके मिश्रा तत्काल टीम को मूव करते हुए पल पल की अपडेट लेकर आलाधिकारियों तक आगे बढ़ा रहे थे। कंट्रोल रूम का माहौल युद्धस्तर पर जुटे अफसरों से भरा था और बड़े ठन्डे दिमाग से केके मिश्रा एक एक पॉइंट पर खुद मॉनिटरिंग करते हुए पब्लिक की सेफ्टी और जानमाल के नुकसान को रोकने में जुटे अपने जांबाज़ राहतकर्मियों का हौसला बढ़ा रहे थे।

अगले दिन जब हमने देहरादून कचेहरी में स्थापित आपदा कंट्रोल रूम की गतिविधियों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि फील्ड से लेकर कंट्रोल रूम तक अनुभवी अफसर केके मिश्रा ने रात भर जागकर पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को संचालित किया और आपदा राहत कर्मियों और प्रभावित लोगों के बीच तालमेल के साथ विभागों की त्वरित कार्यवाही की वो अब अधिकारीयों की कार्यशैली के लिए एक नज़ीर बन गयी है।

आपदा की रात से लेकर आज सारा दिन एडीएम केके मिश्रा दफ्तर में कंट्रोल रूम से लेकर प्रत्येक आपदा ग्रस्त इलाकों में चल रहे रेस्क्यू कार्यो का अपडेट लेते दिखाई दिए इस दौरान वो फील्ड में भी जमकर पसीना बहाते दिखे । घटना की जानकारी देते हुए एडीएम वित्त एवं राजस्व के केके मिश्रा ने बताया कि आपदा की रात पूरा प्रशासनिक अमला एक्टिव हो गया था और वो खुद उन्हें मोबाईल और अन्य माध्यमों से जहाँ जहाँ से भी बारिश , मलबा और अन्य वजहों से नुकसान होने की खबर मिल रही थी वहाँ तत्काल टीमों को भेज रहे थे। इस दौरान सर्वोच्च प्रार्थमिकता लोगों को बचाकर सेफ जगह पर शिफ्ट करना था जो सफल रहा है। इसी वजह से बड़े जान माल से नुकसान को काफी हद तक टाला जा सका। उन्होंने बताया कि आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्यो का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन होने से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में रेस्क्यू अभियान सफल हो सका है।
