
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार देवभूमि(Devbhoomi) उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु भी संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा विरोधी कानून सख़्ती से लागू किये गए हैं | उन्होंने कहा कि उत्तराखंड(Devbhoomi) सरकार ने यूसीसी लागू कर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का ऐतिहासिक दायित्व निभाया है | उत्तराखण्ड में कुंभ 2027 के भव्य एवं सफल आयोजन के लिए समस्त साधु संतों का सहयोग हेतु आह्वान करते हुए करते हुए सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार पर कुंभ 2027 के भव्य एवं दिव्य आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी है | इसमें सभी साधु संतों का सहयोग की अपेक्षा की जाती है |
मुख्यमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की उपस्थिति में हरिद्वार में सर्वानंद घाट में आयोजित गंगा पूजन में प्रतिभाग किया तथा सर्वानंद घाट से माता कृष्णा उद्यान तक शोभायात्रा में सम्मिलित हुए | इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार में नवनिर्मित माता कृष्णा उद्यान के शुभारम्भ समारोह में प्रतिभाग किया | सीएम ने आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज को सनातन संत परंपरा का महान संत बताते हुए कहा कि उन्होंने जीवन पर्यंत समाज को परमार्थ और सेवा की शिक्षा दी।मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होनें लोगों को जात-पात, ऊँच-नीच और दिखावे से ऊपर उठकर प्रेम और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
मुख्यमंत्री ने कुंभ 2027 के भव्य आयोजन के लिए संतों से किया आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक ओर जहां, केदारनाथ धाम एवं बद्रीनाथ धाम(Devbhoomi) में वृहद स्तर पर पुनर्निमार्ण के कार्य किए जा हैं वहीं, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरीडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही, बाबा केदारनाथ धाम एवं हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। आप लोगों को ये जानकर प्रसन्नता होगी कि हमारी सरकार ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में विकास की गंगा बहाने के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य निरंतर करती रहेगी। हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश की जनता के आशीर्वाद और सहयोग से हम अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अवश्य सफल होंगे।