
Nanoship Relationship: दौर में प्यार के मायने भी बदल रहे हैं. पहले के दौर में प्यार की शुरुआत लव लेटर से हुआ करती थी. वहीं थोड़े टाइम पहले इसकी शुरुआत डेटिंग एप्स तक पहुंची. इन एप्स पर कब आप रिलेशनशिप में आ गए और कब आपका रिलेशनशिप टूट गया आपको पता भी नहीं चलेगा. वहीं अब डेटिंग के कई नए ट्रेंड सामने आ गए हैं. जिसमें टेक्टेशनशिप, बैंचिंग, फ्रीक मैचिंग और फबिंग शामिल है. वहीं इन दिनों नैनोशिप काफी ट्रेंड में है. आइए आपको इसके बारे में बताते है.
क्या है नैनोशिप ?
डेटिंग की दुनिया में आया ये नया शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. नैनो यानी छोटा और शिप मतलब रिश्ता. यानी इसका मतलब होता है छोटा रिश्ता(Nanoship Relationship) या यूं कह लीजिए कम समय के लिए रखा गया रोमांटिक रिश्ता. इसे कुछ लोग माइक्रो-रिलेशनशिप भी कहते हैं. ये रिलेशन कुछ घंटो या कुछ दिनों तक का ही होता है.
कैसे होता है ये रिलेशन
इस रिलेशन(Nanoship Relationship) में जब दो लोग मिलते हैं तो वो बस कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए ही साथ रहते हैं वो भी आपसी सहमति के साथ . इसमें दोनों की तरफ से ही फ्यूचर प्लानिंग नहीं की जाती और न ही कोई कमिटमेंट दी जाती है. अगर उदाहरण के तौर पर समझाएं तो जैसे कि अगर आप किसी को किसी पार्टी में मिलें और वहां आप दोनों एक दूसरे से अट्रैक्ट हो जाते हैं. इसके बाद आप दोनों कुछ घंटों के लिए एक साथ कुछ पल बिताते हैं और फिर दोबारा नहीं मिलते. या फिर कुछ दिनों तक ही एक दूसरे के साथ रहते हैं इसे ही नैनोशिप कहते हैं . इस रिलेशन का उद्देश्य कुछ घंटो या दिनों के लिए सिर्फ मौज मस्ती करना होता है.
क्यों है ट्रेंड में
लोगों की लाइफस्टाइल और GenZ की ओपन सोच इस रिलेशन के पॉपुलर होने की एक वजह हो सकती है. इस डिजिटल दुनिया में रोज ही लोग नए-नए लोगों से मिलते हैं और अट्रैक्शन हो जाता है, जिसमें किसी इमोशन्स की या कमिटमेंट की जरूरत नहीं होती है, जो इसके पॉपुलर होने की एक और वजह हो सकती है