
Women Mental Health: बार महिलाएं हेल्थ की छोटी-छोटी चीजों को नॉर्मल समझ लेती हैं, लेकिन असल में ये नॉर्मल होती नहीं हैं। जहां तक महिलाओं का सवाल है तो ज्यादातर ऐसा देखा गया है कि वो अपने शरीर में होने वाली समस्याओं और परेशानियों के बारे में खुलकर बात नहीं कर पाती हैं। कई बार घरों में और ऑफिस स्पेस में देखा है कि महिलाएं अपनी तकलीफों को छुपाती हैं। वो ज्यादा क्या इस पर बात ही नहीं करना चाहती हैं।
ऐसे में महिलाओं के स्वास्थ्य को मुद्दा बनाया और बात की देश की जानी मानी चिकित्सा जगत से जुड़ी डॉक्टर से. डॉक्टर बीरबाला PSRI अस्पताल में सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट हैं। पीएसआरआई से ही न्यूरो साइकेट्रिस्ट दीक्षा पार्थसारथी. डॉ. ऑन कॉल आकांक्षा वत्स, पूजा सभरवाल आयुर्वेद में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और दिल्ली सरकार के चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक अस्पताल में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। होम्योपैथ की सीमा जायसवाल जो 22 साल से प्रैक्टिस कर रही हैं।
Women Mental Health: क्या कहती है एक्सपर्ट
एक्सपर्ट बताती हैं कि इसके कई कारण हो सकते हैं। एंजाइटी की स्ट्रेस की डिप्रेशन की ओसीडी पीटीएसडी आजकल बहुत सारी साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स होने लग गई हैं। हम उस अप्रोपोसिस देते हैं उन्हें फिर या तो उन्हें दवाइयों की जरूरत होती है या उन्हें काउंसलिंग की जरूरत होती है। दवाइयों के साथ-साथ काउंसलिंग की जाती है थेरेपी दी जाती है, जिससे कि हम इन प्रॉब्लम्स को टैकल कर सकते हैं, तो आजकल ये प्रॉब्लम्स बहुत ही कॉमन हो गई है और औरतों में तो खासकर।
Women Mental Health: क्या होते हैं इसके कारण?
हार्मोनल में बदलाव- कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान, पीरियड्स के दौरान या मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन फील करती हैं
रिप्रोडक्टिव हेल्थ- बांझपन, महिला नसबंदी और रिप्रोडक्टिव से जुड़ी शिकायतों के कारण दिमाग पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
ईटिंग डिसऑर्डर- युवा महिलाएं खासकर के एनोरेक्सिया और बुलिमिया जैसे ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या से परेशान होती हैं।
कैसे करें बचाव
1. माइंडफुलनेस की आदत डालें।
2. मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
3. अपने और दूसरों के बारे में सकारात्मक सोच रखें और निराशाजनक बातों से दूर रहें।
4. बेहतर मेंटल हेल्थ के लिए 8 घंटे की नींद जरूर लें।
5. अपनी लाइफ में उन लोगों को धन्यवाद करने की आदत डालें जिन्होंने आपकी मदद की है।