Driver Heart Attack कब , कहाँ , कैसे आपको हार्ट अटैक आ जाये मौजूदा घटनाओं को देखते हुए कहा नहीं जा सकता है क्योंकि कभी ऑफिस में , कभी शादी में , नाचते हुए , नहाते हुए और सामान्य हालात में भी लोग हार्ट अटैक से जान गंवा रहे हैं ताज़ा मामला थोड़ा अलग है जहाँ बस में 50 यात्री सवार थे कि अचानक ड्राइवर बेहोश होने लगा। उसे दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन उसने सूझबूझ दिखाते हुए बहादुरी से बस को सड़क किनारे लगाकर ब्रेक लगा दिए। ऐसा करके उसने बस का एक्सीडेंट होने से बचा लिया। 50 यात्रियों की भी जान बच गई। उसके इस अहसान को मानते हुए पैसेंजरों ने ड्राइवर को फर्स्ट ऐड दिया।
पैसेंजरों ने ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया Driver Heart Attack
पैसेंजरों ने ही उसे गाड़ी का इंतजाम करके तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे दिल्ली के पंत अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। आज सुबह उसकी हालत पर अपडेट देते हुए डॉक्टरों ने बताया कि ड्राइवर की हालत अब खतरे से बाहर है। बस के सभी पैसेंजर्स उसे अस्पताल लेकर आए थे, जिनमें से कुछ आज सुबह अपने घर गए। हादसा दिल्ली से सटे गाजियाबाद शहर में मंगलवार देर रात हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऋषिकेश डिपो की बस के ड्राइवर 34 वर्षीय चमन कुमार सोमवार रात साढ़े 10 बजे के करीब दिल्ली से सवारियां लेकर निकले थे, लेकिन करीब 12 बजे जब बस भोजपुर पहुंची तो उनके सीने में अचानक दर्द होने लगा। उन्हें समझते देर नहीं लगी कि दिल का दौरा पड़ा है, इसलिए उन्होंने तुरंत बस सड़क किनारे रोक दी। इसके बाद वे बेहोश हो गए। यह देखकर पैसेंजरों के होश उड़ गए, लेकिन पैसेंजरों ने कंडक्टर कमल कुमार की मदद से बस को सड़क पर साइड में लगवाया।
इतना पैसेंजरों ने ड्राइवर को संभाला और एंबुलेंस बुलाकर उसे PHC भोजपुर पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार देने देकर कंबाइंड अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन सीवियर हार्ट अटैक था, इसलिए ड्राइवर को रात ही दिल्ली के पंत अस्पताल रेफर भेजा जाया और उसकी जान बचाई गई। इससे पहले डॉक्टरों ने उसे जीभ के नीचे रखी जाने वाली हार्ट अटैक से जुड़ी दवाई दे दी थी, जिस वजह से उसकी जान खतरे से बाहर रही।
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