
Band Baja Baraat: आपने कैदियों को जेल में देखा होगा, लेकिन अब बीकानेर जिले में जेल के कैदी शादी ब्याह के साथ सरकारी और निजी समारोह में बैंड बजाते नजर आएंगे. दरअसल बीकानेर जेल प्रशासन की ओर से पहली बार यह अनूठी पहल की जा रही है. इसी को लेकर बीकानेर जिला उद्योग संघ की प्रेरणा से भामाशाह सुरेंद्र जैन बाद्धानी ने सभी बंदियों यानी संगीत कलाकारों को एक जैसी पोशाक उपहार के रूप में भेंट की है. जिससे यह कैदी अब शादी में एक तरह की ड्रेस पहनकर बैंड बजाते हुए नजर आएंगे. पोशाक पाकर बैंड के कलाकारों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
Band Baja Baraat: कैदियों का तैयार किया जा रहा है ग्रुप
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया, कि जेल प्रशासन का मुख्य उद्देश्य यह है, कि बंदी के जेल से निकलने के बाद उसके पास खुद का ऐसा हुनर हो, जिससे वह अपना व अपने परिवार का गुजारा कर सके, तथा खुद को समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित कर सके. केंद्रीय कारागृह की ओर से इस बैंड को शहर के विभिन्न कार्यक्रमों, शादियों व पार्टियों में गीत संगीत के लिए भेजा जाता है. आगे उन्होंने बताया,कि जेल में बंद विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों का एक ग्रुप तैयार किया जा रहा है, जो वाद्य यंत्र बजाने में माहिर हैं. और संगीत में रुचि रखने वाले कैदियों को जेल में ही ट्रेनिंग दी जा रही है. इस ग्रुप में कुल 18 बंदी शामिल हैं. कैदियों के आचरण को देखकर उन्हें इस टीम में शामिल किया गया है.
Band Baja Baraat: कोई भी जन्म से नहीं होता अपराधी
भामाशाह सुरेंद्र जैन ने बताया कि अधीक्षक सुमन मालीवाल की इस बड़ी सोच से प्रेरित होकर, हर व्यक्ति का मन करता है कि वह भी जेल में बंद इन कैदियों के लिए कुछ करे, ताकि यह बैंड जिस किसी भी कार्यक्रम में जाए एक जैसी पोशाक में इसकी एक अलग ही शान दिखे. वहीं बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने बताया, कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता, कोई ना कोई मजबूरी या परिस्थति उसे क़ानून तोड़ने को मजबूर कर देती है, लेकिन जब ऐसे व्यक्तियों के मन में अपना हुनर दुनिया के सामने लाने का जज्बा होता है, तो हमारा भी यह कर्तव्य बनता है, कि हम इन बंदियों को स्वरोजगार दिलाने या हुनर को निखारने में अपना सहयोग प्रदान करें.