anti riot bill uttarakhand उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। इस कानून के तहत दंगों, हड़तालों, बंद और आंदोलनों में सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी।गैरसैंण विधानसभा सत्र में प्रदेश सरकार ने इस विधेयक को पेश किया था, जिसे अब राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद कानून का रूप दे दिया गया है। इसके साथ ही, अब प्रदेश में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से न केवल नुकसान की भरपाई की जाएगी, बल्कि जुर्माना और अन्य खर्च भी वसूला जाएगा।
निजी संपत्तियों के मालिक अपना दावा पेश कर सकेंगे anti riot bill uttarakhand
इस कानून के तहत एक दावा अधिकरण (ट्रिब्यूनल) का गठन किया जाएगा, जहां सरकारी और निजी संपत्तियों के मालिक अपना दावा पेश कर सकेंगे। अधिकरण को नुकसान का आंकलन करने, जांच कराने और क्षतिपूर्ति निर्धारित करने का अधिकार होगा। इसके निर्णय को किसी भी सिविल न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
यदि किसी आंदोलन, दंगे, या हड़ताल में संपत्ति का नुकसान होता है, तो आंदोलन के आह्वानकर्ता से इसकी भरपाई की जाएगी। जुर्माना आठ लाख रुपये तक हो सकता है, साथ ही दंगा नियंत्रण पर सरकारी अमले का खर्च भी वसूला जाएगा।इस कानून में मृतकों के परिजनों को आठ लाख रुपये और घायल व्यक्तियों को दो लाख रुपये तक का प्रतिकर तय किया गया है। इसके साथ ही, संपत्ति की भरपाई बाजार मूल्य से कम पर नहीं होगी।