Farming in Uttarakhand अपर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त आनन्द बर्धन की अध्यक्षता में कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा राज्य स्तरीय कृषि गणना योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड कृषि संगणना आयुक्त आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कृषि संगणना के आंकड़ों का उपयोग विभिन्न हित धारकों द्वारा विकास योजना, सामाजिक आर्थिक नीति निर्माण और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं की स्थापना के लिए किया जाता है। उन्होंने इस कार्यक्रम को कृषि के विकास तथा कृषकों के हित में बताया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कृषि संगणना की महत्ता पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कृषि संगणना के आंकड़े हमारे देश की कृषि नीतियों और योजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कृषि संगणना की महत्ता पर प्रकाश डाला Farming in Uttarakhand
इस अवसर पर कृषि गणना के मुख्य उद्देश्य प्रचालन स्थिति की संख्या एवं संरचना की गणना, भूमि उपयोग एवं फसल पैटर्न सहित सिंचाई एवं काश्तकारी विवरण, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिला सहित विभिन्न आकार के जोतों का विवरण और कृषि में इनपुट उपयोग के पैटर्न से संबंधित उद्देश्यों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में कृषि गणना योजना के तृतीय एवं चतुर्थ चरण का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत कृषि संगणना के आंकड़ों का संकलन एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फील्ड के आंकड़ों को इकट्ठा कर किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि कृषि गणना योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के 20 प्रतिशत राजस्व ग्रामों में सिंचित एवं असिंचित क्षेत्रफल, जोत के पट्टे की सूचना एवं फसल पैटर्न को एजी सेंसस एप्प के माध्यम से फीड कर डाटा संकलन किया जाता है। कृषि गणना के तृतीय चरण में काश्तकार के परिवार के सदस्यों की संख्या, शिक्षा का स्तर, आयु एवं काश्तकार द्वारा उपयोग किये जाने वाले इनपुट-खाद, रासायनिक उर्वरक, बीज, दवाईयां, कृषि ऋण, कृषि यंत्र आदि की सूचना संकलित की जाती है।