
Forest Uttarakhand राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के जंगलों में अवैध कटान की घटनाएं सामने आने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। इसे देखते हुए वन तस्करों पर नकेल कसने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करने की तैयारी है, जिसे लेकर गंभीरता से मंथन चल रहा है। इसके साथ ही सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने और ड्रोन समेत आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर निगरानी तंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है।
वनों को बचाना एक बड़ी चुनौती Forest Uttarakhand
टौंस वन प्रभाग, चकराता वन प्रभाग समेत अन्य प्रभागों के जंगलों में हाल के दिनों में पेड़ों के अवैध कटान की घटनाएं सामने आई हैं। वन तस्कर जंगलों में घुसकर बेशकीमती हरे पेड़ों का पातन कर दे रहे हैं और वन विभाग बाद में लकीर पीटता रह जाता है। इससे विभागीय कार्यशैली और निगरानी तंत्र पर भी प्रश्न उठना लाजिमी है। यद्यपि, इन मामलों में लापरवाही बरतने पर संबंधित क्षेत्रों में तैनात कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई भी हुई है, लेकिन वनों को बचाना एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है।
अब जबकि सरकार वनों का जीईपी (ग्रास एन्वायरनमेंट प्रोडक्ट) सूचकांक भी जारी कर रही है तो ऐसे में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वनों के अवैध कटान की घटनाएं न हों। इस सबको देखते हुए सरकार ने अब वन तस्करों पर नकेल कसने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के क्रियान्वयन की ठानी है। वन मंत्री सुबोध उनियाल पहले ही निर्देश दे चुके हैं कि जिस भी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं सामने आएंगी, वहां जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।