
IAS SONIKA बीते दिनों मालदेवता एवं सैरशी गांव में अतिवृष्टि से हुई नुकसान का जायजा लेने पहुंची और संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर सुरक्षात्मक कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान वो खुद प्रभावित क्षेत्रों में हालात देखने पहुंची थी। इसके पहले लोग डीएम सोनिका को अक्सर देहरादून के चौराहों पर तेज़ धुप में निर्देश देते , निर्माण कार्यों का मुआयना करते पार्क और बाज़ार यहाँ तक की खेत में श्रमदान करते देखा है। ब्यूरोक्रेसी में किसी आईएएस का ये अंदाज़ और कार्यशैली जहाँ सरकार की इमेज और योजनाओं के सफल होने के लिए मुफीद होता है वहीँ व्यक्तिगत तौर पर अफसर को जनता में संवेदनशील और सक्रिय भी बनाता है।
देहरादून की डीएम सोनिका का अंदाज़ है अलग
आपको बता दें कि सामान्य वेशभूषा , पाँव में चप्पल , हाँथ में डंडी और चेहरे पर विनम्रता के साथ बहते बरसाती पानी में उतर कर प्रभावितों को तसल्ली देती आईएएस सोनिका को लोगों ने देखा तो तसल्ली हुई कि मदद ज़रूर मिलेगी , क्योंकि वो हैं तो स्मार्ट सिटी देहरादून की डीएम लेकिन जब फील्ड में नज़र आती है तो उनके हावभाव में अफसरों की ठसक और डीएम का रुआब कहीं नज़र नहीं आता है। कभी परेड ग्राउंड तो कभी नदियों किनारे और कभी तहसीलों में मौका मुआयना करती हुई डीएम सोनिका की अक्सर ऎसी तस्वीरें सामने आती हैं जो उन्हें जनता के बीच सहज और विनम्र अधिकारी के रूप में स्थापित करता है।
आईएएस सोनिका ने विशेष कार्यशैली से बनायीं अलग छवि IAS SONIKA
ऋषिकेश में जन सुविधाओं का जायज़ा लेना हो , अस्पतालों में मरीज़ों से समस्याएं जाननी हो या बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुँचाना हो देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका हमेशा सामान्य नागरिक की तरह मौके पर पहुँच कर मातहत अधिकारिओं को राहत के निर्देश देती मिल जाती है। स्मार्ट सिटी के डेवलपमेंट से जुड़े काम काज हो या जनता के संग जन सुनवाई अपने सामने आने वाले फरियादियों कोण शांत होकर सुनना और समस्याओं को तेज़ी से समाधान का लोगों को पसंद आता है तभी उनकी कार्यशैली की तारीफ भी सुनाई देती है।उम्मीद की जानी चाहिए कि उत्तराखंड के अन्य अफसर भी यूँ ही जनता से सीधे जुड़कर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की छवि को बेहतर बनाएंगे।