Maharaja Ranbeer Olive love story आजादी से पहले भारत में तमाम रियासतें थीं, जिनका कामकाज राजा-महाराजा संभालते थे. इन राजा-महाराजाओं की जीवनशैली लग्जरी से लकदक थीं. कई के शादी-ब्याह और प्रेम प्रसंगों को लेकर अजीब-अजीब बातें सुनाई पड़ती थीं. इन्हीं में उत्तर भारत की एक धनी रियासत के महाराजा एक विदेशी नर्स पर इतने मुग्ध हो गए कि उससे शादी करने के लिए उन्होंने उसे 50,000 रुपए में खरीद लिया. उस समय के लिहाज से ये बहुत बड़ी रकम थी.वो किसी सुंदर विदेशी महिला को अपनी रानी बनाना चाहते थे. राजा का दिल ओलिव पर आ गया. वो बेल्जियन लड़की थी. उसके पिता ने मुंबई में नाई का एक उम्दा सैलून खोला था.
विदेशी युवती ओलिव से मसूरी में मुलाकात हुई Maharaja Ranbeer Olive love story
दरअसल महाराजा की पहली मुलाकात ओलिव से मसूरी में हुई थी, जहां देश के राजा-महाराजा अक्सर पार्टियां करते रहते थे. उन पार्टियों में तमाम अंग्रेज अफसर और उनकी बीवियां भी आती थीं. उन्हीं में किसी पार्टी में महाराजा रणबीर सिंह को आमंत्रित किया गया था, जहां ओलिव अपनी मां लिज्जी के साथ आई हुई थी.महाराजा पहले से विवाहित था. उसकी दो सिख बीवियां थीं-डेल्मा और गुरचरण कौर-लेकिन वो ओलिव से मिलकर और बात करके उस पर ऐसा लट्टू हुआ कि उससे लगातार मिलने लगा. जब ओलिव वहां से मुंबई चली गई तो राजा उसके पीछे वहां भी पहुंच गया.
महाराजा ओलिव को महंगे उपहार देता था और उससे मिलता रहता था. ओलिव भी उससे जब प्यार करने लगी तो उसने विवाह की पेशकश की.ओलिव का जवाब था, उसे इस बात से कोई एतराज नहीं है लेकिन ये फैसला उसकी मां ही करेगी. बगैर मां की मर्जी के वो शादी नहीं कर सकती. लिज्जी ने पहले तो साफतौर पर राजा से अपनी बेटी की शादी करने से मना कर दिया. लेकिन फिर उसने लड़की से शादी के लिए राजा से 50,000 रुपए की मांग की. राजा ने तुरंत ये मांग पूरी की , इसके बाद ओलिव और महाराजा की शादी एक प्राइवेट समारोह में संगरूर में हुई. ओलिव को अपना धर्म बदलना पड़ा. उसका नाम भी बदलकर जसवंत कौर हो गया.
हुस्न और सूझबूझ की मिसाल बन गई हसीन रति https://pahadpolitics.com/rati-goddess-of-love/