mirror talk अगर आपके अंदर भी आत्मविश्वास की कमी है और आपका कॉन्फिडेंस का लेवल गिरता जा रहा है तो इसे बढ़ाने के लिए आप भी कोई सॉलिड उपाय की तलाश में है तो मिरर टॉक की ट्रिक को अपना सकते है। आज के लाइफस्टाइल में कॉन्फिडेंस ही आपकी पर्सनैलिटी को निखारने का काम करता है। यही नही ये आपको करियर में आगे ले जाने में मदद करता है और सिर्फ करियर ही क्यों इसकी जरूरत तो हमें पर्सनल लाइफ में भी पड़ती ही है। खासकर लोगों से कनेक्शन बनाने में, वर्कप्लेस पर अपनी बातों को सामने वाले तक पहुंचाने के लिए भी कॉन्फिडेंस का होना जरुरी होता है। इसलिए तो आजकल कॉन्फिडेंस बिल्ड करने के लिए लोग कई तरह की क्लासेज और ट्रेनिंग लेते हैं, जो गलत नहीं होता है, लेकिन कई बार ये ठीक से काम नहीं कर पाता है।
मिरर टॉक क्या होता है mirror talk
ऐसे मे ये है मिरर टॉक यानी आईने में खुद से बातें करना बेहद जरुरी हो जाता है और इससे ज्यादा आसान और असरदार तरीका कोई और नहीं हो सकता है। बस आपको रोजाना कुछ देर मिरर टॉक की प्रैक्टिस करने से ही काफी फायदे मिलने लगते हैं।
बढ़ता है आत्मविश्वास –
अगर आप भी लो कॉन्फिडेंस के शिकार है तो शीशे में खुद से बात करने का जो सबसे पहला फायदा मिलता है वो है कि इससे कॉन्फिडेंस बढ़ता है। वैसे अक्सर कई बार कॉन्फिडेंस की कमी के कारण आप नॉलेज होने के बाद भी लोगों से बात नहीं कर पाते है जिससे लोगों को आपके बारे में पता नहीं चल पाता है। ये चीज़ आपको करियर में आगे बढ़ने से भी रोकती है। इसलिए इसे बढ़ाने के लिए ज्यादा नहीं, बस 15-20 मिनट मिरर टॉक की प्रैक्टिस करना चाहिए।
आपका डर होता है कम –
अक्सर ये देखा गया है कि कॉन्फिडेंस की कमी के चलते कई बार लोग सोशल कनेक्शन बनाने में भी घबराते रहते हैं। ऐसे में भी आपको मिरर टॉक से ये प्रॉब्लम भी सॉल्व हो सकता है। कई बार बात करते वक्त हकलाना, एक ही शब्द को बार-बार दोहराने जैसी कई चीज़ों को आप मिरर टॉक के जरिए दूर किया जा सकता हैं।
आपके सेल्फ कॉन्फिडेंस की इस्टीम में होगा इजाफा –
मिरर टॉक की लगातार प्रैक्टिस करने से आपका आत्म-सम्मान में भी काफी बढ़ोतरी होती है। साथ ही आत्म-सम्मान का कनेक्शन हमारे आत्म-विश्वास से जुड़ा हुआ होता है,इसलिए किसी भी एक चीज़ की कमी दूसरे को भी डाउन करने का काम कर देती है। चाहे वो पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक में सेल्फ इस्टीम का होना बेहद जरूरी हो जाता है। इतना ही नहीं आईने में खुद से बात करने से सेल्फ लव की भावना भी बढ़ती जाती है।