
Uttarakhand GST उत्तराखंड अब जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला देश का चौथा जबकि उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में इसका शुभारंभ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने रिबन काटकर किया। उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (biometric-based Aadhaar authentication) व्यवस्था की गई है। बताया कि देश में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखण्ड चौथा राज्य तथा उत्तर भारत का पहला राज्य है। इससे पूर्व गुजरात, पुद्दुचेरी तथा आंध्रप्रदेश में यह व्यवस्था है।
Uttarakhand में रजिस्ट्रेशन में कमी आई Uttarakhand GST
डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था में जीएसटी के अंतर्गत प्रस्तुत ऐसे पंजीयन आवेदन पत्रों, जिन्हें कतिपय जोखिम मानकों तथा डाटा विश्लेषण के आधार पर पोर्टल पर चिन्हित होगा। इसके सम्बन्ध में दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कमिश्नर द्वारा अधिसूचित जीएसटी सुविधा केंद्र से कराया जाएगा।डॉ अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (biometric-based Aadhaar authentication) को क्रियान्वित किये जाने के लिए राज्य कर विभाग के प्रत्येक कार्यालय भवन में जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण राज्य में ऐसे 22 जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किये गए हैं।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जीएसटी में आसान पंजीयन प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेते हुए फर्जी पंजीयन प्राप्त किये गए हैं तथा राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। बताया कि बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था के क्रियान्वयन से जीएसटी में पंजीकरण प्रक्रिया बेहतर होगी, जिससे फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्राप्त किये जाने वाले पंजीयनों तथा फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने में सहायता मिलेगी।
पूरे प्रदेश में 22 जीएसटी सुविधा केंद्र होंगे
उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू किये जाने के बाद से पंजीयन आवेदन पत्रों में लगभग 55% की कमी दर्ज की गयी है, जो इस बात का द्योतक है कि राज्य में फर्जी पंजीयन आवेदन पत्रों की संख्या कम हुई हैं l यह अनुमानित है कि इस व्यवस्था को लागू किये जाने पर उत्तराखण्ड राज्य में वार्षिक लगभग रु0 100 करोड़ से रु0 150 करोड़ तक के करापवंचन को रोकना संभव हो सकेगा l इस अवसर पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कर डॉ अहमद इकबाल, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त प्रवीण गुप्ता, संजीव सोलंकी, अनुराग मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।