मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है। कुछ लोगों को फोन चलाने की ऐसी लत लग चुकी है कि वे सोते-जागते, उठते-बैठते हर वक्त फोन का इस्तेमाल करते दिख जाते हैं। यहां तक कि खाने की टेबल पर भी फोन लोगों के हाथों में होता है। अब एक महिला ने परिवार में फोन की इसी आदत को छुड़ाने के लिए अनोखा काम किया है।
एक एक्स यूजर ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर बताया किया कि कैसे उसकी रिश्तेदार मंजू गुप्ता ने अपने परिवार के फोन यूज को कम करने के लिए एक चतुर रणनीति अपनाई है। अंजू गुप्ता ने एक एग्रीमेंट (समझौता) किया है। इसके तहत उसने अपने परिवार के सामने तीन शर्तें रखीं। यही नहीं, अगर कोई इन शर्तों का पालन करने में फेल हो जाता है, तो उसके लिए ‘सजा’ का भी प्रावधान रखा गया।
मंजू गुप्ता की भतीजी ने स्टांप पेपर पर लिखे इस समझौते की एक तस्वीर साझा की। ये सभी नियम एक गैर-न्यायिक स्टांप पेपर पर लिखे गए थे। समझौते में पहला नियम यह था कि जब लोग सुबह उठें तो सबसे पहले उन्हें अपने फोन की बजाय सूरज को देखना होगा। दूसरे नियम में लिखा है कि हर कोई डाइनिंग टेबल पर रात का खाना खाएगा और फोन को अपने पास नहीं रखेगा। तीसरे और आखिरी नियम में लिखा है कि परिवार का कोई भी सदस्य शौचालय जाते समय अपना फोन अपने साथ नहीं ले जाएगा।