Raksha Bandhan 19 अगस्त को दोपहर तक भद्रा काल चलेगा और भद्राकाल में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। आखिर क्यों भद्राकाल में भाई को बहनें राखी नहीं बांधती हैं, आइए जानते हैं…दरअसल, ज्योतिष के अनुसार, पंचांग में 5 प्रमुख अंग होते हैं, जिसमें तिथि, वार, योग, नक्षत्र और करण शामिल हैं। भद्रा काल भी पंचांग से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर बहनें भद्रा काल के दौरान भाई को रखी बांधती हैं तो दोनों का रिश्ता सामान्य नहीं रह पाएगा। इसलिए जरूरी है कि सही और शुभ समय में ही बहन अपने भाई को राखी बांधे।
रक्षा सूत्र बांधने से रिश्ते को मजबूती मिलती है Raksha Bandhan
भद्रा काल क्या होता है
भद्रा काल एक विशेष समय अवधि को कहा जाता है। यह भारतीय पंचांग के अनुसार अपशकुन का समय माना जाता है। इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। भद्रा काल का उल्लेख ज्योतिष शास्त्र में भी किया गया है। पौराणिक कहानी के अनुसार, भद्रा शनिदेव की बहन हैं। इनका स्वभाव विनाश करना है। इसलिए राखी को भद्रा काल में नहीं बांधना चाहिए। एक अन्य प्रचलित कथा के अनुसार, भद्रा काल को भगवान विष्णु के पुत्र भद्रा के नाम पर रखा गया है। भद्रा को भगवान शिव ने अपना द्वारपाल बनाया था और उन्हें यह आदेश दिया था कि जब भी कोई शुभ कार्य हो तो वह उस समय में उपस्थित न हों। इसलिए जब भी भद्रा काल होता है, कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
इस वर्ष राखी बांधने का ये है शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन यानी 19 अगस्त के दिन दोपहर डेढ़ बजे तक भद्रा काल लगा है। इसलिए राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर 1:30 बजे से रात के 9:06 बजे तक है। यानी राखी बांधने के लिए करीब साढ़े 7 घंटे तक का समय उत्तम रहेगा।