
Saur Kauthag मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के प्रथम सोलर मेले दो दिवसीय ‘सौर कौथिग(Saur Kauthag)’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने पीएम सूर्यघर योजना, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और सोलर वाटर हीटर योजना के लाभार्थियों को अनुदान राशि के चेक प्रदान करने के साथ ही यूपीसीएल मुख्यालय में बनाई गई सौर ऊर्जा आधारित म्यूरल आर्ट का लोकार्पण भी मुख्यमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा जन जागरूकता के लिए चलाई जा रही सोलर वैन को भी हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके माध्यम में आगामी सौ दिनों तक सोलर ऊर्जा से संबंधित विभिन्न जानकारी लोगों को दी जायेगी। साथ ही विभिन्न स्टॉल पर जाकर सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे नवोन्मेषी प्रयोगों की जानकारी ली।
2027 तक आवासीय में 250 मेगावाट Saur Kauthag
कुल 2500 मेगावाट क्षमता वाले सोलर प्लांट्स की स्थापना करने का लक्ष्य
सौर कौथिग(Saur Kauthag) को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के अंतर्गत आयोजित यह मेला ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और राज्य के सतत् विकास की दिशा में एक विशिष्ट पहल है। मेले में सौर ऊर्जा से जुड़ी सभी योजनाओं, उनके लाभों और विभिन्न प्रकार के सौर ऊर्जा उत्पादों के बारे में जानकारी से लोग सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर जागरुक होंगे। साथ ही सोर ऊर्जा को अपनाते हुए अपनाकर उत्तराखंड को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी अपना योगदान देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सौर उर्जा के प्रयोग को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। सौर ऊर्जा की अधिकतम परियोजनाओं को स्थापित करने के उद्देश्य से नई सौर ऊर्जा नीति लागू की गई है। राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं। राज्य में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पी०एम० सूर्यघर योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए अभी तक करीब 11 हजार लाभार्थियों को 90 करोड़ रुपए से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोलर वेंडरों की संख्या बढ़ाते हुए आवासीय क्षेत्र के लिए 365 वेंडरों को मान्यता प्रदान की है। राज्य सरकार ने नेट मीटरिंग की व्यवस्था को भी सरल बनाने के साथ ही 10 किलोवॉट तक के सोलर सिस्टम को तकनीकी आकलन से बाहर रखा है, जिससे प्रदेशवासी सौर ऊर्जा को आसानी से अपना सकें। पिछले सात माह में उत्तराखंड में 23 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा क्षमता सफलता पूर्वक स्थापित की जा चुकी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सौर कौथिग(Saur Kauthag) के इस आयोजन से प्रदेश के सौर ऊर्जा क्षेत्र के विकास को और अधिक गति मिलेगी और भारत को कार्बन न्यूट्रल बनाने में उत्तराखण्ड योगदान देगा।