मुसीबत बना खर्राटे की आवाज तलाक मांग रही बीवियां snoring remedies
हॉस्पिटल में एचओडी प्रोफेसर डॉ. बताते हैं कि खर्राटे आने की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है. मेडिकल की भाषा में इसको स्नोरिंग कहते हैं.खर्राटे तब आते हैं जब मुंह में जीभ और गले की मांसपेशियां गहरी नींद के दौरान रिलेक्स होने लगती है. कुछ लोगों में इस दौरान गले के टिश्यू रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट को डिस्टर्ब कर देते हैं. जिससे नाक और मुंह में कंपन होने लगती है. यही आवाज खर्राटे के रूप में सामने आती है. खर्राटे आने के कई कारण होते हैं. इनमें सबसे प्रमुख है स्लीप एप्रिया की समस्या. स्लीप एप्रिया नींद से संबंधित एक बीमारी है. इसके अलावा खर्राटे आने का दूसरा बड़ा कारण साइनस है. कई मामलों में गले में हुआ कोई इंफेक्शन और टॉन्सिल भी खर्राटे आने का कारण बन सकता है.
क्या खर्राटे आना कोई बीमारी है?
डॉ कहते हैं कि खर्राटे की समस्या को आम परेशानी मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ये एक हेल्थ कंडीशन है जिसका इलाज जरूरी है. इसका ट्रीटमेंट आसानी से दवाओं और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके किया जा सकता है. लेकिन इससे पहले ये जरूरी है कि व्यक्ति खर्राटे की परेशानी को एक बीमारी समझे और इसका इलाज जरूर कराए. इसके लिए डॉक्टर पहले आपके मेडिकल इतिहास के बारे में भी पूछेगा और कुछ टेस्ट करेगा. जिससे यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आपका रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट क्यों बाधित हो जाता है. डॉक्टर टेस्ट करेगा कि कहीं आपको राइनाइटिस या साइनसाइटिस, सूजे हुए टॉन्सिल जैसी कोई समस्या तो नहीं है. इसके लिए इमेजिंग टेस्ट. एक्स-रे, एमआरआई स्कैन, या सीटी स्कैन किया जा सकता है.