
Uttarakhand शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने 10 सितंबर तक प्राथमिक विद्यालयों में 1090 शिक्षकों की नियुक्ति करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही नई नियुक्तियों में शामिल शिक्षकों को पहले पांच वर्षों के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य होगा।
विधायक हरीश धामी ने शिक्षकों की कमी पर चिंता जताई Uttarakhand
धामी ने आरोप लगाया कि उपलब्ध शिक्षक मैदानों में ही रह गए हैं। इस मुद्दे पर विधायक खुशाल सिंह अधिकारी ने एलटी शिक्षकों और प्रवक्ताओं की कमी की बात उठाई। इसके अलावा विधायकों मनोज तिवारी, गोपाल सिंह राणा, अनुपमा रावत और लखपत बुटोला ने शिक्षकों की कमी, स्कूलों की खराब स्थिति और प्रधानाध्यापकों की कमी के मुद्दे को उजागर किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था की खराब स्थिति पलायन का एक बड़ा कारण बन रही है।
स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने का वादा
सरकार का पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। डॉ0 रावत ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को जल्दी हल करने का निर्णय लिया है। साथ ही प्रवक्ता और एलटी के खाली पदों पर भी पूरी तरह से नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने बताया कि प्रवक्ता पदों की भर्ती लगातार की जा रही है और गेस्ट लेक्चरर की नियुक्ति भी हो रही है। सितंबर में प्रवक्ता के 613 नियमित पदों की भर्ती परीक्षा होगी जिससे कमी दूर हो जाएगी। डॉ0 रावत ने कहा वर्तमान में 3555 एलटी पद रिक्त हैं, जिनमें से 1300 पर गेस्ट फैकल्टी काम कर रही है। प्रधानाचार्यों के 1100 से अधिक पद भी लंबे समय से खाली हैं, जिनकी सीधी भर्ती की जाएगी। उन्होंने शिक्षक संगठनों से कहा कि अगर वे कोर्ट के केस वापस लें तो उनकी पदोन्नति की जाएगी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इसके अलावा सरकार प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने का भी वादा किया है।